गाजियाबाद: शादियों में बज रहा लाउड Music, शिकायत पर परेशान लोगों को पुलिस से मिला जवाब- गाने तो बजाएंगे ही
शादियों का सीजन है, ऐसे में आजकल टीएचए में बैंक्विट हॉल, होटलों और फार्महाउसों के पास रहने वाले लोग तेज म्यूजिक से परेशान हैं। कई सोसायटियों के लोग पुलिस को कॉल कर शिकायत कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि यहां डीजे पूरी-पूरी रात बजाया जा रहा है। कौशांबी के हजारों लोगों को भी इससे दिक्कत हो रही है। यहां आस-पास के बैंक्विट हॉल और होटलों में शादी, रिस्पेशन, सगाई और बर्थडे पार्टी के आयोजन पर नियमों का उल्लंघन हो रहा है। तेज आवाज से परेशान होकर एक शख्स ने 112 नंबर पर कॉल कॉल भी किया। बाद में गाजियाबाद कमिश्नरेट की तरफ से जारी नंबर पर भी कॉल किया, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि हर बार जब जिम्मेदार अधिकारियों और पुलिस से शिकायत की जाती है तो वे टालमटोल कर देते हैं।
'पुलिस कहती है-किसी की शादी है तो वो गाना बजाएंगे ही'
ईडीएम से लेकर सम्राट होटल के 400 मीटर लंबे रोड पर तकरीबन छह टावर्स आते हैं, जिनमें लगभग 2000 लोग रहते हैं। इस सड़क पर ही बैंक्विट हॉल और होटल हैं, जहां दिन रात नियमों का उल्लंघन होता रहता है। यहां एक सरकारी बरात घर भी है, वहां से भी तेज़ आवाज़ आती है। सुमेरू, रत्नागिरी, गिरनार, हिमगिरी, अरावली और शिप्रा के लोगों को तेज़ आवाज़ के कारण यहां सबसे अधिक परेशानी होती है। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि बच्चों के एग्जाम का टाइम है। बड़ी संख्या में यहां बुज़ुर्ग रहते हैं, लेकिन रात को 12 बजे से सुबह पांच बजे तक डीजे चलता रहता है। बीच रोड पर लोग नाचते गाते रहते हैं। पुलिस को शिकायत करो तो पुलिस कहती है कि किसी की शादी है तो वो गाना बजाएगा ही।
खुलेआम चलाए जाते हैं पटाखे
कौशांबी में ही रहने वाले गुलशन सदाना ने बताया कि कौशांबी के लोग पहले ही प्रदूषण से परेशान हैं। ऐसे में शादी के कारण बीच सड़क पर ध्वनि और वायु प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे भी रात भर चलते रहते हैं। बीच सड़क पर इन्हें लोग फोड़कर तेज़ आवाज़ में नाचते हैं। उन्हें कम से कम इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह रेजिडेंशल इलाका है।
रात 10 बजे तक ही बजा सकते हैं डीजे
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, रात दस बजे से सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर या डीजे बजाना पूर्ण रूप प्रतिबंधित है। नियमों का उल्लंघन करने पर ध्वनि प्रदूषण (रेगुलेशन व कंट्रोल) रूल्स 2000 के तहत कार्रवाई होती है। नियम के अनुसार, रात के समय ध्वनि प्रदूषण 45 डीबी से अधिक नहीं होना चाहिए और दिन के समय 60 डीबी से अधिक नहीं होना चाहिए।
लोगों ने बयां किया अपना दर्द
हिमगिरी के रहने वाले सुमित ने कहा कि मैंने एक दिन पहले रात बारह बजे 112 और गाजियाबाद से कंट्रोल रूम का नंबर लगाया। कौशांबी थाने वालों ने रात 1:30 पर कॉल करके पूछा कि अब तक आवाज नहीं आ रही है। जबकि आवाज लगातार आ रही थी। सुबह पांच बजे तक आवाज आती है। कारवां प्रेजिडेंट विन. मित्तल अधिकारी ने कहा, हम पर आरोप लगाते हैं कि हम बेवजह सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी जाते हैं। जबकि हकीकत यह है कि हम जब शिकायत करके थक जाते हैं, उसके बाद ही कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेते हैं। यूपीपीसीबी रीजनल ऑफिसर उत्सव शर्मा ने मामले पर कहा कि हमें शिकायत मिली है। इस मामले में कौशांबी में जितने भी बैंक्विट हॉल और होटल हैं, उन्हें नोटिस भेजा जाएगा कि रात दस बजे के बाद ध्वनि प्रदूषण का ख्याल रखते हुए डीजे और लाउडस्पीकर न बजाएं।
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