राजस्थान: जयपुर: दलित छात्र की मौत पर उबल रहा राजस्थान, जयपुर में पानी की टंकी पर चढ़े 4 दलित नेता
राजस्थान के जालोर के सायला तहसील स्थित सुराणा गांव में दलित बालक इंद्र मेघवाल की हत्या से प्रदेशवासियों में भारी गुस्सा है। दलित बालक की ओर से उच्च वर्ग के शिक्षक की मटकी छू लेने पर शिक्षक ने बालक को बेरहमी से पिटाई की। इसके बाद में उसकी मृत्यु हो गई। इस हैवानियत वाली घटना के विरोध में जालोर से लेकर जयपुर तक लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। बिगड़ते माहौल को देखते हुए प्रदेश सरकार के मंत्री और कांग्रेस के बड़े पदाधिकारी पीड़ित परिवार के घर पहुंच रहे हैं लेकिन लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है। लोग पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने, आर्थिक मुआवजा दिलाने और सरकारी नौकरी दिए जाने के आदेश जारी करने पर अड़े हैं। इसी क्रम में जयपुर में चार दलित नेता सोमवार आधी रात को विधानसभा के पास सहकार मार्ग स्थित पानी की टंकी पर चढ गए।
पीड़ित परिवार को 5 के बजाय 50 लाख रुपए के मुआवजे की मांग
भीम सेना से जुड़े चार दलित नेता सोमवार 15 अगस्त की आधी रात को जयपुर में पानी की टंकी पर चढ गए। सहकार मार्ग स्थित जलदाय विभाग ऑफिस परिसर में बनी टंकी पर बनवारी लाल सांथा, लक्ष्मीकांत, भागचंद और रवि नाम के दलित नेताओं के टंकी पर चढने की सूचना मंगलवार सुबह मिली। सिविल डिफेंस टीम वॉलियंटर और पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे और समझाइ का प्रयास किया लेकिन चारों नेता अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। इन दलित नेताओं ने अपनी मांगों के संदर्भ में एक वीडियो भी जारी किया है। उनकी मांग है कि सरकार मृतक इंद्र कुमार के परिजनों को 5 लाख रुपए के बजाय 50 लाख रुपए का मुआवजा दे। साथ ही परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी दिए जाने के आदेश जारी करे।
कन्हैयालाल के परिजनों को सरकार ने दी थी 50 लाख की आर्थिक सहायता
पिछले दिनों उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड के मामले में राज्य सरकार ने 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी थी। साथ ही मृतक कन्हैयालाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी दे दी थी। अब जालोर में दलित वर्ग के बालक की हत्या के मामले में भी विभिन्न संगठनों के लोग कन्हैयालाल की तर्ज पर आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से घोषित 5 लाख रुपए सहित अब तक कुल 9 लाख 12 हजार रुपए की आर्थिक सहायता इंद्र के परिजनों को प्रदान की जा चुकी है। इस प्रकरण में आरोपी के खिलाफ चालान पेश होने पर 9 लाख रुपए और दिए जाने की बात भी कही गई है।
यह है पूरा मामला
जालोर जिले की सायला तहसील स्थित सुराणा गांव में सरस्वती विद्यालय है। स्कूल के शिक्षक छैल सिंह पर आरोप है कि उसने तीसरी कक्षा के दलित बालक इंद्र मेघवाल द्वारा मटकी छू लेने पर उसे मारा। घटना 20 जुलाई की है। मारपीट के कारण गंभीर रूप से घायल होने के बाद 13 अगस्त को इंद्र मेघवाल की मौत हो गई। जातीय भेदभाव को लेकर हुई इस घटना के बाद प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है। दलितों के साथ हो रहे अत्याचारों से आहत होकर कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा भी भेज दिया। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बालक के साथ मारपीट हुई थी लेकिन मटकी छूने वाली बात की फिलहाल पुष्टि नहीं हो सकी है।
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