बड़वानी:स्कूल की छत गायब, दीवारों पर काई, दूसरे के घर पढ़ने को मजबूर हैं बच्चे, शिक्षा विभाग पर उठे सवाल
एमपी के बड़वानी जिले के जाल्यापानी में एक प्राइमरी स्कूल की हालत बहुत खराब है। स्कूल में छत नहीं है। बच्चे बारिश में किसी के घर में पढ़ने को मजबूर हैं। यह समस्या कई सालों से बनी हुई है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है। शिक्षा विभाग के अधिकारी इस बारे में जानते हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इससे उनकी कार्यप्रणाली पर इस वजह से बच्चों को बहुत परेशानी हो रही है।
यह स्कूल बड़वानी के खेतिया क्षेत्र में जाल्यापानी पंचायत के फुलजी फल्या में है। इस प्राइमरी स्कूल की छत पूरी तरह से गायब है। सिर्फ दीवारें ही खड़ी हैं, और वे भी जर्जर हालत में हैं। दीवारों पर नमी के कारण काई जम गई है। दीवारों का रंग भी हरा और काला पड़ गया है। बारिश के मौसम में बच्चों को एक स्थानीय व्यक्ति के घर में पढ़ाया जाता है। वहां भी बच्चों के बैठने की अच्छी व्यवस्था नहीं है। स्कूल में पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है। शौचालय टूटे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षक भी नियमित रूप से स्कूल नहीं आते हैं।
परिजन कर रहे कार्रवाई की मांग
एक ग्रामीण नाम न छापने की शर्त पर कहा कि सरकार और शिक्षा विभाग को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। स्कूल भवन की मरम्मत करवानी चाहिए और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए। शिक्षकों की नियमित उपस्थिति भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। वे चाहते हैं कि सरकार जल्दी से जल्दी इस समस्या का समाधान करे। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। इसलिए वे अपने बच्चों को इसी स्कूल में भेजने को मजबूर हैं। उन्होंने सरकार से स्कूल की स्थिति में सुधार करने की मांग की है। वे चाहते हैं कि सरकार स्कूल की हालत सुधारे ताकि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके। बच्चों को भी स्कूल की हालत देखकर डर लगता है कि कहीं स्कूल गिर न जाए।
स्कूल के शिक्षक का कहना
प्राथमिक शिक्षक गोपाल धुर्वे का मामले को लेकर कहना है कि उन्होंने अधिकारियों को अवगत कराया है पर अभी तक विभाग ने कोई एक्शन नहीं लिया है। बच्चे गांव के पटेल के यहां जाकर पढ़ रहे हैं।
अधिकारी ने कहा- कार्रवाई करेंगे
इस मामले में पानसेमल बीआरसी (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर) जितेंद्र बाइसकर का कहना है कि इस स्कूल भवन का निर्माण 2006 में हुआ था। तीन-चार साल पहले इसकी छत नीचे गिर गई थी। जन शिक्षक ने प्रतिवेदन बनाया था, और वरिष्ठ अधिकारियों को भी कई बार अवगत कराया गया था। मगर किसी ने कोई सुध नहीं ली। वहीं मामले पर ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर ने कार्रवाई करने की बात कही है।
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