बिहार: वैशाली: लालू-राबड़ी फैमिली में टूट पर तेज प्रताप यादव की मुहर, महुआ की जनसभा से RJD सपोर्टरों को मिल गया क्लियर मैसेज
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के परिवार में अब टूट के सबूत मिलने लगे हैं। लालू-राबड़ी के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव संकेत दे दिया है कि वह आरजेडी से अलग अपनी स्वतंत्र ताकत जुटाने में लग गए हैं। अनुष्का यादव नाम की लड़की से रिश्ता जगजाहिर होने पर लालू यादव ने सोशल मीडिया के जरिए तेजप्रताप को पार्टी और परिवार से बाहर करने की बात कही थी।
अब तेज प्रताप यादव आरजेडी से अलग अपनी व्यक्तिगत राजनीतिक ताकत जुटाने में जुट गए हैं। इसके साथ ही साफ होता दिख रहा है कि लालू फैमिली में टूट हो चुकी है। यहां ध्यान दिला दें कि तेजप्रताप यादव और अनुष्का प्रकरण के बाद मां राबड़ी देवी एक सार्वजनिक कार्यक्रम में यहां तक कह दी थीं कि सारे परिवारों में भाइयों के बीच बंटवारा होता है, इसलिए उनके घर में जो कुछ हो रहा है वह कोई नई बात नहीं है।
तेज प्रताप ने अपनी गाड़़ी से हटाया RJD का झंडा
गुरुवार को पहली बार तेज प्रताप यादव की गाड़ी पर आरजेडी की झंडा नहीं दिखा। उसकी जगह उन्होंने अपना झंडा लगा लिया था। उन्होंने अपनी स्वतंत्र राजनीतिक टीम, 'टीम तेज प्रताप यादव' का झंडा लगाया। यह सब आने वाले चुनावों को देखते हुए हो रहा है।
महुआ से चुनाव लड़ने की अटकलें
आरजेडी से निकाले जाने के बाद गुरुवार को पहली बार तेजप्रताप यादव जनसभा के जरिए जनता के बीच पहुंचे। हरे रंग की पगड़ी और पारंपरिक कपड़े पहने तेजप्रताप यादव ने अपनी पुरानी विधानसभा सीट महुआ में रोड शो किया। 2015 के विधानसभा चुनाव में तेजप्रताप यादव महुआ विधानसभा सीट से ही पहली बार विधायक बने थे। 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने महुआ को छोड़कर हसनपुर से चुनाव जीता था।तेज प्रताप यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मैं यहां मेडिकल कॉलेज के काम को देखने आया हूं। मैंने महुआ के लोगों से वादा किया था, और मैं हमेशा अपने वादे पूरे करता हूं।' उन्होंने बताया कि उनका दौरा विकास कार्यों को दिखाने और लोगों से दोबारा जुड़ने के लिए था। तेज प्रताप यादव की इस जनसभा के बाद अटकलें तेज हो गई हैं कि वह एक बार फिर महुआ विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
तेजप्रताप यादव की RJD से दूरी कई अटकलों को देता है जन्म
जनसभा में तेज प्रताप यादव ने RJD के झंडे और प्रचार सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने एक नया तरीका अपनाया। उनके समर्थकों ने 'टीम तेज प्रताप यादव' का हरा और सफेद झंडा लहराया। तेज प्रताप का कहना है कि यह टीम जमीनी स्तर पर विकास और लोगों के कल्याण पर ध्यान देगी। RJD से इस दूरी ने अटकलों को जन्म दिया है। क्या तेज प्रताप एक नई राजनीतिक यात्रा शुरू करेंगे या एक नई पार्टी बनाएंगे?
तेज प्रताप यादव के महुआ आने पर तेजस्वी के करीबी मुकेश रोशन टेंशन में
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे आने वाले विधानसभा चुनावों में महुआ से चुनाव लड़ेंगे, तो तेज प्रताप ने जवाब दिया, 'अगर लोग चाहेंगे, तो मुझे चुनाव लड़ना होगा।' उन्होंने सीधे तौर पर अपनी उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की। लेकिन, भारी भीड़ और 'महुआ का विधायक कैसा हो, तेज प्रताप जैसा हो' के नारों से उनकी मंशा साफ हो गई।
महुआ के मौजूदा MLA मुकेश रोशन हैं। वे तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते हैं। तेज प्रताप के दोबारा महुआ में आने से मुकेश रोशन पर दबाव बढ़ गया है। खबरों के अनुसार, तेज प्रताप के महुआ से चुनाव लड़ने की खबर से रोशन परेशान हैं।
तेज प्रताप ने मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ महुआ में एक इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने का भी वादा किया। उन्होंने कहा कि अगर नई सरकार बनती है और उन्हें मौका मिलता है, तो वे यह काम जरूर करेंगे। उनका ध्यान विकास पर है। वे युवा मतदाताओं और छात्रों को अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं।
तेज प्रताप यादव का यह दौरा, उनके बयान और 'टीम तेज प्रताप यादव' का गठन एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। वे आने वाले चुनावों से पहले अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं। उन्होंने अपने भाई तेजस्वी यादव या RJD की सीधी आलोचना नहीं की है। लेकिन, उनका संदेश साफ है - अगर जरूरत पड़ी तो वे अकेले चलने के लिए तैयार हैं।
महुआ में तेजप्रता यादव की जनसभा के बाद एक बात तो साफ होता दिख रहा है कि लालू-राबड़ी परिवार में झगड़ा काफी आगे बढ़ चुका है। अगर तेज प्रताप यादव आगामी विधानसभा चुनाव में आरजेडी से अलग अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करते हैं तो वह बिहार की राजनीति और लालू-राबड़ी परिवार के लिए एक बड़ा कदम होगा।
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