हरियाणा बिजली निगमों में कर्मियों के 18 हजार पद खाली:मैनपावर की कमी से बढ़ रहा वर्कलोड; 61 हजार मिलियन यूनिट की बिलिंग
हरियाणा में बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इस तेजी से बढ़ती मांग के हिसाब से बिजली वितरण प्रणाली खुद को तैयार नहीं कर पा रही है। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) में कर्मियों- अधिकारियों के कुल 40 हजार 294 पद स्वीकृत हैं। इनमें से केवल 21 हजार 575 पद ही भरे गए हैं। शेष 18 हजार 719 (46% ) पद आज भी खाली हैं।
प्रदेश में बिजली वितरण व्यवस्था लगभग आधे मानव संसाधनों के सहारे चल रही है। यूएचबीवीएन में 179 हजार 56 स्वीकृत पदों में से 10 हजार 564 पद ही भरे गए हैं। जबकि डीएचबीवीएन में 22 हजार 338 स्वीकृत पदों में से केवल 11 हजार 11 पर ही कर्मचारी कार्यरत हैं।
60 हजार 981 मिलियन यूनिट की बिलिंग हुई
हरियाणा की बिजली व्यवस्था ने कनेक्शन और खपत के स्तर पर जबरदस्त बढ़ोतरी की है। वर्ष 2024-25 के दौरान अब तक 60981 मिलियन यूनिट (MU) बिजली की बिलिंग की जा चुकी है। इससे हजारों करोड़ रुपए की बिजली कंपनियों को आय भी हो रही है, लेकिन इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर कोई भी बड़े काम अभी तक नहीं शुरू किए गए हैं।
घरेलू उपभोक्ताओं 30% खपत
सबसे अधिक खपत घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा 18213 एमयू (29.87%), फिर औद्योगिक उपभोक्ताओं द्वारा 22446 एमयू और कृषि उपभोक्ताओं द्वारा 10581 एमयू रही है। जहां एक ओर उपभोक्ताओं और खपत में निरंतर वृद्धि हो रही है। वहीं दूसरी ओर फील्ड स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ रही है।
फील्ड तकनीशियन, लाइनमैन, मीटरिंग वर्कर्स और मेंटेनेंस स्टाफ या तो सीमित हैं या अनुबंध आधारित हैं। जिससे सेवाएं समय पर नहीं मिल पाती और तकनीकी खामियां बनी रहती हैं।
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