दिल्ली में 1 जुलाई से लाखों गाड़ियां हो जाएंगी कबाड़, पैनल ने लगा दी मुहर, CNG वाहनों का क्या होगा?
अपने वाहनों से दिल्ली आवाजाही करने वाले लोगों के लिए बुरी खबर है। दिल्ली में 1 जुलाई से पुराने वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। CAQM (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) ने यह फैसला लिया है। ऐसे वाहनों को जब्त करके स्क्रैप किया जाएगा। दिल्ली सरकार और ट्रैफिक पुलिस ने मिलकर यह योजना बनाई है। उन्होंने EOL EOL यानी 'एंड-ऑफ-लाइफ' वाहनों के हॉटस्पॉट भी खोज लिए हैं। इसका मकसद दिल्ली की हवा को साफ करना है।
अधिकारियों ने बताया कि 1 जून से 23 जून के बीच लगभग 1.4 लाख वाहनों को EOL के रूप में पहचाना गया। कुल मिलाकर 8.1 लाख वाहनों की पहचान हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि 498 पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं। इनमें से 382 पेट्रोल और डीजल वाले वाहनों के लिए हैं, जबकि 116 CNG वाहनों के लिए हैं। हालांकि, अधिकारियों ने यह साफ किया कि CNG से चलने वाले पुराने वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। ANPR तकनीक से वाहनों के डेटा को रियल-टाइम में रिकॉर्ड और ट्रैक किया जा सकता है, इससे वाहन की उम्र सहित सारी जानकारी कुछ ही सेकंड में मिल जाती है।
CAQM के सदस्य वीरेंद्र शर्मा ने कहा, 'हमने आखिरकार EOL वाहनों को सड़कों से हटाने की समस्या को हल करने का फैसला किया है।' उन्होंने आगे कहा कि EOL वाहनों को दिल्ली की सड़कों से हटाने का मामला 2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और बाद में 2018 में सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया था, लेकिन ANPR जैसी तकनीक न होने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका। शर्मा ने बताया कि EOL वाहन प्रदूषण फैलाते हैं। रिसर्च में पाया गया है कि BS4 वाहन, BS6 वाहन की तुलना में 5.5 गुना ज्यादा प्रदूषण करते हैं।
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