गुजरात: 143 साल बाद पहली बार बारदा सेंचुरी में दाखिल हुआ एशियाई शेर, वन विभाग ने बताया अच्छा संकेत
गुजरात के वन विभाग की ओर से एशियाई शेरों के लिए नए आवास विकसित किए जाने की मुहिम रंग ला रही है। 143 साल बाद पहली बार पोरबंदर जिले के बारदा वन्य जीव अभयारण्य में एशियाई शेर को देखा गया। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। प्रधान वन संरक्षक (वन्यजीव) नित्यानंद श्रीवास्तव ने बताया कि साढ़े तीन साल का नर शेर दो दिन पहले पोरबंदर शहर के नजदीक कुछ समय बिताने और मवेशियों का शिकार करने के बाद अभयारण्य में दाखिल हुआ।
वन विभाग की कोशिशर रंग लाई
राज्यसभा सदस्य और गिर राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य की सलाहकार समिति के सदस्य परिमल नाथवानी ने कहा, 'दूसरे आवास की ओर शेरों का प्राकृतिक विस्थापन ऐतिहासिक घटना है।' उन्होंने कहा, 'कई विशेषज्ञों का मानना है कि बारदा वन्यजीव अभयारण्य शेरों के लिए आदर्श आवास होगा क्योंकि जलवायु, पारिस्थितिकी और मानव बसावट के मामले में यह गिर वन जैसा है। पहले ही इस अभयारण्य को एशियाई शेरों का आवास बनाने के लिए हर संभव मदद दी जा रही है।'
कितना बड़ा है बारदा अभयारण्य?
गौरतलब है कि बारदा वन्यजीव अभयारण्य करीब 192 वर्ग किलोमीटर में फैला है और एशियाई शेरों के आवास गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य से करीब 100 किलोमीटर दूर है। पिछले वन्यजीव गणना के मुताबिक गुजरात में 674 शेर हैं जिनमें से अधिकतर गिर के भीतर हैं।
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