राजस्थान : गायों के लिए काल बना लम्पी संक्रमण, बीकानेर में एक ही जगह 1000 से ज्यादा शव दिखे, 5 किमी तक फैली दुर्गंध
गुजरात के बाद राजस्थान में लम्पी संक्रमण (lumpy Skin Disease) का कहर गोवंश पर जारी है। अब तक 10 लाख से ज्यादा गायें इसकी चपेट में आ चुकी हैं। हजारों गायों की जान जा चुकी है। और अब भी हजारों गायें लम्पी वायरस (lumpy virus) का शिकार बनती जा रही हैं। केवल सरकारी आंकड़ों की ही बात करें तो अब तक 43000 गायों की इससे मौत (cows killed by lumpy virus) हो चुकी है। सरकार तंत्र गोवंश को बचाने और संक्रमण को फैलने से रोकथाम के लिए भरसक प्रयास का दावा कर रहा है। लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हुई बीकानेर की ताजा तस्वीरें कुछ और ही कहानी बयां कर रही हैं। यहां लम्पी संक्रमण से मृत गायों के शवों के सही निस्तारण के बजाया खुले में फेंका जा रहा है। एक-दो, या दस-बीस नहीं हजारों की संख्या में गोवंश जोहड़बीड़ इलाके में फेंका हुआ है। कई दिनों से यह लापरवाही जारी है। आसपास के करीब 5 किलाेमीटर के क्षेत्र में दुर्गंध ने लोगों को जीन मुहाल कर रखा है। लेकिन ये तस्वीरें सामने आने के बाद भी सरकारी अफसर इन्हें झुठलाने में लगे हैं। बीकानेर नगर निगम के आयुक्त, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक और उप वन संरक्षक (वन्यजीव) ने संयुक्त रूप से एक मौका रिपोर्ट जारी इन तमाम तस्वीरों को खारिज किया है। लेकिन मौके पर पहुंची बीकानेर मेयर ने सबकी पोल खोल दी है।
मेयर ने खोली अफसरों की पोल, मौके पर पहुंचकर साबित किया झूठा
बीकानेर मेयर सुशीला कंवर ने जोहड़बीड़ में लम्पी वायरस से मृत गायों के शव नहीं फेंकने के प्रशासन के दावों की पोल खोली है। मेयर बुधवार को मौके पर पहुंचीं और बताया कि अधिकांश गौवंश लम्पी रोग ग्रसित मिला है। उन्होंने कहा कि वह इस भयावह और संवेदनशील दृश्य को सभी के साथ साझा नहीं करना चाहती थी परंतु जिस प्रकार आयुक्त और समस्त प्रशासन गैरजिम्मेदाराना रवैए से अपनी जवाबदेही से भाग रहे हैं। जनता को झूठ परोस रहे हैं। जोहड़बीड़ जहां नगर निगम की ओर से मृत पशुओं का निस्तारण किया जाता है। वहां की तस्वीर को प्रशासन झूठा बता रहे हैं। असल में तस्वीर सच्ची हैं। यहां पर लम्पी रोग ग्रसित मृत गौवंश को खुले में फेंक दिया गया है।
बीकानेर नगर निगम ने किया ये दावा
बीकानेर नगर निगम की ओर से बुधवार को एक मौका रिपोर्ट जारी करते हुए यह दावा किया है कि लम्पी बीमारी मृत पशुओं का निस्तारण उन्हें दफनाकर किया जा रहा है। शहर के आस-पास के बीहड क्षेत्र जैसे सुजानदेसर, करमीसर एव नाल क्षेत्र में पशुओं के शव दफनाए जा रहे हैं। मौका रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि निगम की ओर से प्रतिवर्ष मृत पशुओं के शवों को उठाने हेतु ठेका किया जाता है। ठेकेदार इन शवों को उठा कर लगभग 50 वर्षों से जोड़बीड स्थित स्थान पर एकत्रित कर उनका निस्तारण करता आ रहा है।
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