गाजियाबाद: सूटकेस लेकर ऑटो का कर रही थी इंतजार, पुलिस ने दिया लिफ्ट का ऑफर और खुल गया प्रेमी के मर्डर का रहस्य
घुप्प अंधेरी रात और सूनसान सड़क। एक अकेली लड़की बड़ा से सूटकेस को किसी तरह से खींचते हुए चलती चली जा रही थी। उसकी मंजिल थी रेलवे स्टेशन। गश्त कर रही पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी उधर से गुजरती है। करीब 2 बजे रात के समय लड़की को अकेला देख पुलिसवाले ठहर गए लेकिन लड़की के माथे पर पसीने की बूंदें नजर आने लगी। उसने किसी तरह की मदद लेने से इनकार कर दिया। लगभग 200 मीटर और आगे चलने पर भी उसे ऑटोरिक्शा नहीं मिला। पुलिसवालों ने फिर से मदद की पेशकश की और इस बार लड़की इनकार नहीं कर सकी। वह साथ बैठ गई और फिर कुछ मिनट के अंदर ही दिल दहला देने वाले ऐसे मामले का पर्दाफाश हुआ, जिसने पूरे शहर को हैरत में डाल दिया।
32 साल की प्रीति के साथ जो सूटकेस था, उसमें एक आदमी की खून से सनी हुई लाश पड़ी थी। लाश उसके प्रेमी की थी, जिसके साथ वह पिछले चार सालों से रह रही थी। जांच के दौरान जब सूटकेस को खोला गया तो उसमें लाश केवल अंडरवियर में थी। इसके अलावा शरीर पर और कोई कपड़ा नहीं था। लाश पर गर्दन रेतने के अलावा भी कई निशान पाए गए। इस खूनी बदले की कहानी जिसने भी सुनी वो सन्न रह गया।
पुलिसवालों ने रात के समय अकेले जाने को लेकर सवाल किया तो महिला बताया कि वह रेलवे स्टेशन जा रही है। लेकिन वह ना ट्रेन के बारे में सही से जानकारी दे पाई और ना ही टिकट के बारे में। इतनी देर में पुलिस को शक हो गया कि दाल में कुछ काला है। सूटकेस खोलकर देखा गया तो उसमें डेडबॉडी पड़ी थी। राज खुलने पर महिला भागने लगी लेकिन बमुश्किल 50 मीटर के अंदर ही वह पुलिस की चंगुल में थी।
दरअसल पति से अलग होकर फिरोज के साथ चार सालों से रह रही प्रीति को उसका एक ताना अखर गया। प्रीति लगातार फिरोज से शादी करने की मांग कर रही थी पर वह टालमटोल कर रहा था। हत्या से पहले दोनों के बीच खूब झगड़ा हुआ। इस दौरान फिरोज ने कहा कि तुम अपनी पति की नहीं हुई तो मेरी क्या होगी। बस इसी ताने पर नाराज होकर प्रीति ने घर में रखे फिरोज के ही उस्तरे से उसका गला रेत डाला। इसके बाद बड़े से सूटकेस में लाश भरकर ठिकाने लगाने की कोशिश में वह पकड़ी गई।
इस मामले में अब प्रीति से जुड़ी कई अहम बात सामने आ रही हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रीति शर्मा की पहले दीपक से शादी हुई थी। दीपक ऑटो चलाता था। दोनों को एक बेटा हुआ, लेकिन कुछ समय बाद उसकी मौत हो गई। इसके बाद उनके बीच अनबन रहने लगी और प्रीति उसे छोड़कर अपने फ्लैट में रहने लगी। हालांकि प्रीति ने पुलिस को बताया कि उसका दीपक से तलाक नहीं हुआ था। प्रीति को उसकी नानी ने पाला था, जो दिल्ली में रहती हैं।
6 अगस्त की रात को हत्या के बाद वह 7 अगस्त की सुबह फ्लैट से केवल सूटकेस लेने के लिए निकली थी। पड़ोस के लोगों ने दबी जुबान में बताया कि हत्या का खुलासा होने के बाद उनको यकीन नहीं हो रहा है क्योंकि जब वह बाहर निकली और तीन घंटे बाद लौटी तो उसके हावभाव एकदम सामान्य नजर आ रहे थे। कहीं से भी इतनी बड़ी वारदात की आहट तक नहीं मिली। पुलिस ऑटो ड्राइवर की भूमिका की भी जांच कर रही है क्योंकि प्रीति इतना बड़ा और भारी ट्रॉली बैग अकेले नहीं उठा सकती थी।
तुलसी निकेतन में रहने वाली प्रीति यहां करीब 7 साल से रह रही थी। यहां आस-पड़ोस के लोगों से शुरुआत में बढ़िया संपर्क में रहती था। मगर फिरोज की जिंदगी में आने के बाद से उसका संपर्क कम हो गया। पड़ोसी सवाल करते तो वह गोलमोल जवाब देकर निकल जाती। उसकी कुछ लोगों से ही बातचीत होती थी। आरोपी महिला अपने पति को छोड़कर पिछले 4 साल से फिरोज के साथ लिवइन रिलेशनशिप में रह रही थी। इनकी मुलाकात दिल्ली से आते समय ऑटो में हुई थी। उसके बाद उनका मिलना-जुलना शुरू हो गया। फिर धीरे-धीरे वह घर पर आने लगा और कई कई दिन तक रहना शुरू कर दिया।
प्रीति नोएडा की एक कंपनी में काम करती थी, जहां से उसकी नौकरी भी छूट गई थी। इसके बाद से वह लगातार उम्मीद कर रही थी कि फिरोज उससे शादी करेगा और वह अपनी जिंदगी को दोबारा जी पाएगी, लेकिन फिरोज ने जब उसे धोखा दिया तो वह उस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाई। ऐसे में उसने सुसाइड जैसा कदम तो नहीं उठाया मगर हत्या जैसा खौफनाक कदम उठा लिया। फिरोज दिल्ली में बतौर हेयर ड्रेसर काम करता था।
शनिवार रात हत्या करने के बाद प्रीति ने लाश को ठिकाने लगाने के लिए रविवार को सीलमपुर दिल्ली जाकर सूटकेस खरीदा। रविवार रात फिरोज के शव को बैग में रखकर ठिकाने लगाने के लिए चल दी। प्रीति ने पुलिस को बताया कि वह गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर जाकर बैग को किसी ट्रेन में छोड़कर चली जाती, जिससे उस पर किसी को शक भी नहीं होता।
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