हरियाणा: गुरुग्राम: नहीं चलीं बसें, निगम में भी रही नो एंट्री, कर्मचारी संगठनों की हड़ताल के कारण कई सरकारी विभागों में काम ठप
केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में कर्मचारी संगठन दो दिन की हड़ताल पर हैं। पहले दिन सोमवार को शहर में कई विभागों में कामकाज ठप रहा। जिसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। शहर में एटक के बैनर तले दर्जन भर यूनियनों के सैकड़ों पदाधिकारियों ने प्रदर्शन किया। सफाई व्यवस्था चरमरा गई। नगर निगम में कामकाज नहीं हुआ। रोडवेज की बसें न चलने के कारण दिन भर यात्री परेशान रहे। बैंकों में हड़ताल का मिलजुला असर रहा। ऐतिहात के तौर पर जगह- जगह पुलिस बल तैनात रहा। मंगलवार को भी हड़ताल का असर देखने को मिल सकता है। हालांकि आपातकालीन सेवाओं पर हड़ताल का असर नहीं रहा।
एटक के बैनर तले सोमवार सुबह कई यूनियनों के सैकड़ों कर्मचारी कमला नेहरू पार्क में एकत्र हुए। यहां पर कर्मचारी नेताओं ने राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस मौके पर नगर पालिका कर्मचारी संघ, बिजली निगम, हरियाणा रोडवेज यूनियन आगनबाड़ी, आशा वर्कर और हरियाणा टूरिज्म आदि यूनियन के पदाधिकारियों की मांग थी कि निजीकरण पर रोक लगाई जाए। पुरानी पेंशन लागू की जाए। कच्चे कर्मचारी को पक्का किया जाए। खाली पदों को भरा जाना चाहिए। मांगें न मानने और सरकार के बैकफुट पर न आने पर आंदोलन तेज किया जाएगा। आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लागू की धमकी के बावजूद रोडवेज, परिवहन और बिजली विभागों के कर्मियों ने हड़ताल में शामिल होने का फैसला लिया है।
रोडवेज की बसें नहीं चलीं
बस स्टैंड पर हड़ताल के चलते लोगों को परेशानी हुई। पुलिस की तैनाती के बाद भी सुबह के वक्त रोडवेज यूनियन और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। इसके बाद वर्कशॉप के बाहर यूनियन के पदाधिकारियों ने धरना दिया। रोडवेज की सुबह के वक्त चंडीगढ़, नैनीताल, जयपुर आदि लंबे रूटों की बसें चली। नौ बजे के बाद कोई बस नहीं चले। इसके चलते प्राइवेट बस चालकों ने चांदी कूटी। इसके अलावा प्रशासन ने एक दर्जन से अधिक रूटों पर सिटी बसों को लगाया। हड़ताल के दिन सिटी बसें बस स्टैंड में दिखी। यहां पर सैकड़ों यात्री घंटों तक बसों का इंतजार करते नजर आए। आखिर में उन्होंने प्राइवेट बसों का सहारा लेना पड़ा।
शहर में नहीं हुई सफाई
शहर में करीब ढाई हजार कर्मचारी सोमवार सुबह काम पर नहीं आए। रोड किनारे, मॉर्केट, सेक्टर व गलियों में सोमवार को सफाई का काम नहीं हुआ और न ही कूड़ा उठाया गया। हां, दूसरी ओर घरों से कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां जरूर लोगों के घरों तक पहुंची। इसके चलते शहर में जगह- जगह गंदगी के ढेर दिखे।
नगर निगम में नहीं हुआ काम
नगर निगम के सेक्टर 34, सेक्टर 42 और सिविल लाइन में दोपहर तक काम ठप रहा। सेक्टर 34 में तो हड़ताली कर्मचारियों ने लिफ्ट नहीं चलने दी। सीढ़ियों पर पानी डाल दिया। ऐसा ही एक्साइज विभाग की बिल्डिंग में किया गया। इसके अलावा सिविल लाइन ऑफिस में सैकड़ों कर्मचारी नगर पालिक संघ के बैनर तले एकत्र हुए। शहर भर में इन लोगों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। हड़ताल के चलते पानी, सीवर बिल के अलावा जन्म- मृत्यु प्रमाण पत्र, प्रॉपर्टी टैक्स, मैरिज रजिस्ट्रेशन, प्रॉपर्टी आईडी आदि के काम नहीं हो पाए।
बिजली निगम का प्रदर्शन
हरियाणा के बिजली इंजीनियरों ने हड़ताल में हिस्सा लिया। विरोध प्रदर्शन की बैठक के अवसर पर हरियाणा पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन के सह सचिव भागीरथ लोढ़ा ने बताया कि ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के निर्देशों के अनुसार पूरे हरियाणा में सर्कल स्तर पर विरोध बैठकें आयोजित की गई हैं। कर्मचारी बिजली के बिजली संशोधन विधेयक 2021 और बिजली वितरण के निजीकरण के लिए मानक बोली दस्तावेज को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। बिजली संशोधन बिल से डिस्कॉम की ओर से नियोजित 25 लाख से अधिक श्रमिकों के साथ-साथ उनके परिवारों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। उपभोक्ता भी विधेयक से बुरी तरह प्रभावित होंगे क्योंकि उन्हें डिस्कॉम से निजी कंपनी को स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
बैंकों में मिला जुला असर रहा
हड़ताल में एसबीआई बैंक शामिल नहीं हुआ। इस प्राइवेट बैंक भी इससे बाहर थे। इसके चलते बैंकों में हड़ताल का खास असर दिखाई नहीं दिया। बैंक परिसर में एटीएम पर लोगो की भीड़ रही। हालांकि दूसरी जगहों पर एटीएम पर भी पहले दिन पैसे खत्म होने या भीड़ जैसी बात नहीं दिखी।
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