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Thursday, March 3, 2022

उत्तर प्रदेश: मेरठ: काश नवीन नाश्ता लाने के लिए बंकर से बाहर न जाता..., यूक्रेन में मारे गए छात्र की कहानी, दोस्त की जुबानी

उत्तर प्रदेश: मेरठ: काश नवीन नाश्ता लाने के लिए बंकर से बाहर न जाता..., यूक्रेन में मारे गए छात्र की कहानी, दोस्त की जुबानी 


यूक्रेन के खारकीव में कर्नाटक के एक छात्र नवीन की मौत से उसके ग्रुप के मेंबर बेहद गमजदा और खौफजदा हैं। नवीन समेत 16 छात्रों ने भारत आने के लिए एक दूसरे से संपर्क बनाए रखने को वॉट्सऐप पर ग्रुप-16 बनाया है। उसमें वेस्ट यूपी के भी कई स्टूडेंट्स हैं। मुजफ्फरनगर की दिव्यांशी और मेरठ की श्वेता सैनी भी इसमें शामिल हैं। साथी के खोने की जानकारी होने पर दिव्यांशी ने अपने परिजनों को बताया कि नवीन ने जान जाने से चंद मिनट पहले ही वॉट्सऐप पर लिखा था कि खाने का सामान लेकर जल्द आ रहा हूं, हम सब उसका इंतजार कर रहे थे और नवीन की गोली लगने से मौत हो गई। उन्होंने कहा कि काश नवीन नाश्ता लाने के लिए बंकर से बाहर ही न जाता।

मुजफ्फनरगर के मंसूरपुर के गांव जीवना निवासी प्रदीप बालियान की बेटी दिव्यांशी बालियान और छात्र नवीन कुमार एमबीबीएस की पढ़ाई यूक्रेन से कर रहे थे। दिव्यांशी ने अपने पिता को बताया कि खारकीव में मंगलवार सुबह उसके बराबर वाले टॉवर पर रूसी मिसाइल गिरी। सभी स्टूडेंट्स जान बचाने के बंकर में छिप गए। दिव्यांशी के मुताबिक सभी ने 16 भारतीय स्टेंडूट का वॉट्सऐप ग्रुप-16 बनाया। तय किया कि एक साथी के फ्लैट में इकट्ठें होंगे। ग्रुप-16 में नवीन कुमार भी शामिल थे। ग्रुप के सभी साथी सुरक्षित स्थान पर जाने लगे। नवीन साथियों के लिए खाने-पीने का सामान लेने निकल गया। उसने वॉट्सऐप पर लिखा कि खाने का सामान लेकर जल्द आ रहा हूं, लेकिन इसी बीच गोली लगने से मौत की खबर आई। फिलहाल बाकी 15 स्टूडेंट सुरक्षित हैं।

जब नवीन को गोली लगी, श्वेता कुछ ही दूरी पर थी
मेरठ के गंगानगर निवासी रमेश चंद सैनी की बेटी श्वेता सैनी भी कर्नाटक के छात्र नवीन कुमार के साथ ही थीं। श्वेता के गुरुवार की सुबह भारत लौटने की उम्मीद है। फिलहाल श्वेता ने खारकीव में हुए हमले और फायरिंग का भयावह मंजर अपने परिजनों को मेसेज के जरिए बताया। उन्होंने कहा कि जिस वक्त नवीन को गोली लगी वह चंद कदम की दूरी पर थी। गोलाबारी में नवीन की मौत के बाद से वह सहमी हुई हैं। श्वेता ने परिजनों को फोन पर बताया कि नवीन की जब गोलाबारी से मौत हुई तब सभी 16 सदस्य साथ थे। नवीन सुरक्षित जगह जाने के दौरान खाने का सामान भी एकत्र करना चाहते थे, इसलिए वह सभी के लिए खाने का सामान लेने गए थे। रमेश चंद सैनी के मुताबिक उनकी बेटी श्वेता से उनकी बातचीत मोबाइल पर मेसेज के माध्यम से हो रही है। गुरुवार सुबह श्वेता के भारत आने की उम्मीद है। मेरठ के डीएम ने श्वेता के परिजनों से जाकर भी जानकारी ली।

'बंकर से बाहर आया तभी हो गई गोलीबारी'
खारकीव में हुई गोलीबारी में बाल-बाल बचे अलीगढ़ के ऋत्‍विक ने वहां के हालात विडियो कॉल के जरिए परिजनों से बयां किए हैं। डॉ. विश्वमित्र आर्य ने बताया कि उनका बेटा खारकीव शहर में पांच दिन से बंकर में था। मंगलवार को फ्लैट से निकल रेलवे स्टेशन जाने के लिए टैक्सी का इंतजार कर रहा था। सड़क पार कर करीब ढाई सौ मीटर की दूर पर ही गोलीबारी हो गई। फिलहाल, ऋत्विक सुरक्षित हैं और हंगरी पहुंच गए हैं।

यूक्रेन से लौटी शिवानी मां से लिपटकर खूब रोई
हाथरस की शिवानी यूक्रेन से मंगलवार शाम को घर पहुंच गई। वह घर पहुंचते ही मां से लिपटकर खूब रोई और बोलीं कि उपरवाले का शुक्र है कि मैं यूक्रेन से सुरक्षित लौट आई। वहां हालात खराब हैं। खाने-पीने का सामान भी खत्म हो गया था। युद्ध के कारण बाहर नहीं निकल पा रहे थे। शिवानी ने भारत सरकार का धन्यवाद दिया है। बताया कि हंगरी पहुंचने पर भारतीय दूतावास की ओर से खाना दिया गया और हवाई जहाज में दिल्ली भिजवाया। बेटी के आने से शिवानी के परिजन खुश हैं।

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