ग्रेटर नोएडा: जिम्स के डॉक्टरों ने जॉइंट अंकोलोसिस से पीड़ित 8 साल के बच्चे का किया सफल इलाज, सैकड़ों लोगों के लिए जगी उम्मीद की किरण
कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) ने रबूपुरा में रहने वाले 8 साल के बच्चे लिवांस की सफल सर्जरी कर उसे व उसके परिवार को जीवन भर की खुशी दी है। साथ ही सैकड़ों ऐसे बच्चों के लिए एक उम्मीद भी दी है, जो जॉइंट अंकोलोसिस की समस्या से पीड़ित हैं। जिम्स के डॉक्टरों ने बताया यह बच्चा करीब 5 साल से जॉइंट अंकोलोसिस की बीमारी से ग्रसित था। बच्चा करीब तीन साल की उम्र में ऊंचाई से गिर गया था। इसके बाद उसका मुंह टेढ़ा हो गया था। वह ठीक से मुंह नहीं खोल सकता था। उसे खाना चबाने में भी परेशानी होती थी। उसे कई जगह दिखाया, लेकिन ठीक नहीं हो पाया।
जिम्स में तैनात मैक्सिलोफेशल सर्जन व दंत चिकित्सा विभाग प्रमुख डॉक्टर संदीप पांडेय ने बताया कि बच्चे को जॉइंट अंकोलोसिस की समस्या थी। इसके लिए जटिल सर्जरी करना जरूरी था। इसमें खोपड़ी की हड्डी के साथ निचले जबड़े के जोड़ के संलयन को हटा दिया गया है। इस सर्जरी के बाद मरीज आसानी से पांच से 40 मिमी तक अपना मुंह आसानी से खोल सकता है। वह भोजन भी आसानी से चबा सकता है। इस सर्जरी में एनेस्थीसिया विभाग की डॉक्टर नाजिया नजीर व डॉक्टर अनुप्रिया ने फाइबर ऑप्टिक तकनीक का उपयोग कर सर्जरी में मदद की।
डॉक्टर संदीप ने बताया कि तीन साल की उम्र में बच्चा ऊंचाई से गिर गया था। इससे उसके कान के पास चोट लग गई थी। इस वजह से जबड़े को जोड़ने वाली हड्डी ने ठीक से काम करना बंद कर दिया था। उम्र के साथ चोट के कारण यह परेशानी बढ़ती जा रही थी। अक्सर गुम चोट दिखाई नहीं देती है, लेकिन यह आगे चलकर परेशानी का कारण बन जाती है।
जिम्स के निदेशक ब्रिगेडियर डॉक्टर राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि संस्थान धीरे-धीरे चिकित्सा शिक्षा के साथ सेवा में भी बेहतर करने के लिए प्रयासरत हैं। यह उसी प्रयास का एक नतीजा है। हम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य देने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।
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