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Thursday, January 27, 2022

उत्तर प्रदेश: आगरा-जब जवाहर लाल नेहरू ने बजाई थी ढोलक और जमकर नाची थीं सरोजिनी नायडू..जानिए क्या है पूरा किस्सा

उत्तर प्रदेश: आगरा-जब जवाहर लाल नेहरू ने बजाई थी ढोलक और जमकर नाची थीं सरोजिनी नायडू..जानिए क्या है पूरा किस्सा

उत्तर प्रदेश के आगरा में रहने वाली 93 साल की स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रानी सरोज गौरिहार ने महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल को लेकर राजनीतिक गलियारों में फैलाए जा रहे दुष्प्रचार पर जमकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह खास विचारधारा के लोगों की ओर से जानबूझकर किया जाता है, जो गलत है। सरोज गौरिहार ने कहा कि यह ऐसा है, जैसे आप किसी लाइन को छोटी करने के लिए बड़ी लाइन न खींच पाएं तो उसे मिटाने की कोशिश करें।

हाल ही में कंगना रनौत के उस बयान पर भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरोज गौरिहार ने आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि1947 में आजादी भीख में मिली थी। गौरिहार ने कहा, 'सुभाष बाबू (नेताजी सुभाष चंद्र बोस) से नेहरू के थोड़े मतभेद थे, जिसकी वजह से उन्होंने कभी कह दिया होगा कि हम भीख में आजादी नहीं लेंगे बल्कि उसे लड़कर हासिल करेंगे। अब टीवी पर लोग बार-बार वही बात जोर-डोर से दोहराते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी भी वही शब्द दोहरा रहे हैं, जो कंगना ने कहा था।

गौरिहार ने कहा कि यह एक नया ट्रेंड चला है। कंगना ने भी बिना सरकार (मोदी सरकार) की शह के यह बयान नहीं दिया होगा। नेहरू और पटेल के बीच मतभेद को लेकर सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों को गलत करार देते हुए गौरिहार ने बताया कि दोनों के बीच संबंध बेहद अच्छे थे। नेहरू विजन बनाते थे और पटेल उनको मूर्ति रूप देते थे। दोनों में बहुत अच्छी पटती थी। यह सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए बताया जाता है कि दोनों में पटती नहीं थी।

नेहरू ने बजाई ढोलक, नाचीं सरोजिनी नायडू
गौरिहार ने स्वतंत्रता संग्राम के समय की स्मृतियों पर रोशनी डालते हुए आजादी के नायकों के कई किस्से सुनाए। ऐसा ही एक संस्मरण साझा करते हुए उन्होंने बताया कि जब 1929 में लाहौर कांग्रेस अधिवेशन के समय पूर्ण स्वराज्य का प्रस्ताव पारित किया गया, तब मेरे पिताजी (जगन प्रसाद रावत) भी वहां मौजूद थे। पिताजी बताते थे कि प्रस्ताव पारित होने की खुशी में उस समय लोगों ने इतनी ज्यादा तालियां बजाईं और इतना उत्साह दिखाया कि नेहरू जी ने गले में ढोलक डाल दिया और सरोजिनी नायडू उस पर जमकर नाची थीं। गौरिहार ने कहा कि यह दृश्य देखने लायक था कि नेहरू ढोलक बजा रहे हैं और सरोजिनी उस पर डांस कर रहे हैं।

बता दें कि सरोज गौरिहार के पिता जगन प्रसाद रावत मशहूर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं। इसके अलावा वह उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं। गौरिहार खुद मध्य प्रदेश में साल 1967 से 1972 के दौरान विधायक रह चुकी हैं।
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