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Thursday, January 20, 2022

उत्तर प्रदेश:मेरठ- वेस्ट यूपी में रुठों को मनाने आ रहे अमित शाह, फिर शुरू होगा सभाओं, रैलियों का दौर

 उत्तर प्रदेश:मेरठ- वेस्ट यूपी में रुठों को मनाने आ रहे अमित शाह, फिर शुरू होगा सभाओं, रैलियों का दौर

पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western UP) में अपनी मजबूत चुनावी हैट्रिक (2014, 2019 लोकसभा और 2017 विधानसभा) लगाने वाली भारतीय जनता पार्टी अब 2022 में चौथी बार कमल खिलाने के लिए अपने चुनावी चाणक्य गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) को मैदान में उतार रही है। वेस्ट यूपी में टिकट नहीं मिलने से खफा अपनों को मनाकर अमित शाह फतह की रणनिति बनाने का काम करेंगे। बीजेपी ने अपनों संग बैठकर शिकवे दूर करने का जिम्मा पूरी तरह शाह को सौंप दिया है। शाह 23 जनवरी के बाद रूठों को मनाने के काम में जुटेंगे। उससे पहले खबर है कि 21 जनवरी यानी शुक्रवार को मेरठ (Meerut) में शाह भाजपा के पश्चिम उत्तर प्रदेश के पार्टी के उम्मीदवारों के साथ बैठक कर जीत का मंत्र देंगे। बीजेपी वेस्ट यूपी के प्रवक्ता गजेंद्र शर्मा ने अमित शाह के शुक्रवार को मेरठ आने का जो कार्यक्रम है, उस पर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जानकारी के अनुसार 23 जनवरी के बाद अमित शाह कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए वेस्ट यूपी में रैली भी करेंगे।

बीजेपी थिंकटैंक से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अमित शाह टिकट नहीं मिलने से नाराज नेताओं और उनके समर्थकों के साथ टेबल पर बैठकर मनाने का काम करेंगे। भाजपा ने भरोसा जताया है कि जिस तरह कैराना पलायन और 2013 के मुजफ्फरनगर हिंसा के बाद उन्होंने वेस्ट यूपी को मथा था। ध्रुवीकरण को धार दी थी। विपक्षी दलों को घेरा था। असरदार नेताओं को पार्टी से जोड़ा था। विपक्ष के जनाधार वाले नेताओं को साथ लिया था, उसी तरह इस बार भी चुनाव में वेस्ट यूपी में बीजेपी के खिलाफ किसान आंदोलन को लेकर उपजी नाराजगी को दूर करने का काम करेंगे। जाट नेताओं, किसान नेताओं, असरदार नेताओं, जनाधार वाले नेताओं को साधकर अमित शाह कमल खिलाना आसान करेंगे।

2014 में शाह ने फोकस कर वेस्ट को बनाया था बेस्ट..
दरअसल, 2014 के लिए जब नरेंद्र मोदी को पीएम कैंडिडेट घोषित किया था, उसके बाद बतौर यूपी बीजेपी प्रभारी शाह ने ही वेस्ट यूपी पर खास फोकस किया था। नतीजा वेस्ट यूपी की ज्यादातर लोकसभा सीटें 2014 में बीजेपी ने जीती थीं। पूरे प्रदेश में 71 सीटों पर कमल खिलाया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी अमित शाह ने चुनावी कौशल दिखाया था और वेस्ट यूपी में बड़ी कामयाबी हासिल कराई थी। अमित शाह की चुनावी रणनीति के तहत वेस्ट यूपी के किसान, मजदूर, व्यापारी, डॉक्टर, वकील, युवा, शिक्षक, छात्र, करोबारी, महिलाओं कारुख बीजेपी की तरफ हो गया था, परिणाम भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार योगी के नेतृत्व में बनी थी।

वेस्ट में 2019 में शाह साबित हुए थे चाणक्य, मगर झटका भी लगा
2019 में लोकसभा चुनाव में भी अमित शाह की रणनीति पर भाजपा को कामयाबी मिली थी। हालांकि 2019 के चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन ने वेस्ट यूपी के सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, रामपुर आदि सीटों को बीजेपी से छीन लिया था।

इस बार उबरना चाहती है टीम भगवा
माना जा रहा है कि बीजेपी अब अमित शाह के सहारे 2019 में वेस्ट यूपी में पार्टी को लगे झटके के बाद उससे उबारना चाहती हैं और 2022 में भी 2017 के चुनाव परिणाम की तरह सत्ता बरकरार रखना चाहती हैं। भाजपा के नेताओं के मुताबिक अमित शाह 21 जनवरी शुक्रवार को मेरठ मे आएंगे। यहां वेस्ट यूपी के सभी पार्टी कैंडिडेट से मिलकर चुनावी तैयारियों और नाराज वर्करों व नेताओं को मनाने के टिप्स देंगे। 23 तारीख के बाद वेस्ट यूपी में पूरी तरह सक्रिय हो जाएंगे। स्टार प्रचारकों की सूची में भी अमित शाह शामिल हैं। वह नरेंद्र मोदी, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह की तरह कुछ सभा और रैली करेंगे और उससे ज्यादा फोकस टिकट बंटवारे के बाद पहले और दूसरे फेस के चुनाव में नाराज हुए भाजपा के जनाधार वाले लोगों को साधने का करेंगे।

अपने नेताओं को देंगे भरोसा
अमित शाह खफा माने जा रहे नेताओं के साथ बैठक करेंगे। उनको भरोसा देंगे और समझाएंगे की दो महीने बाद फिर से भाजपा की सरकार बनेगी। टिकट नहीं मिलने से वंचित नेताओं को सरकार के स्तर से सम्मान दिया जाएगा। सरकार और संगठन में एडजस्ट किया जाएगा। उनके समर्थकों को मायूस नहीं होने दिया जाएगा। इसलिए सक्रिय हो सरकार बनाने में सहयोग करें, क्योंकि भाजपा ने 2014 के बाद देश और 2017 के बाद प्रदेश में हर स्तर पर माहौल बदला है। विकास और कानून व्यवस्था पर खास बदलाव किया हैं। इसलिए अगर विपक्ष की गोलबंदी में कमल मुरझा जाता है तब यह प्रदेश के लिए घातक होगा।
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