हरियाणा: पानीपत-आसपास के 8 गांवों के खेतों की 1600 एकड़ फसल खराब, लोग भी बीमार; जांच टीम पहुंची
हरियाणा में पानीपत स्थित इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) की रिफाइनरी पर आसपास के 8 गांवों के किसानों ने विषैली गैस छोड़ने के आरोप लगाए हैं। किसानों का कहना है कि रिफाइनरी से छोड़ी गई गैस से उनकी तकरीबन 1600 एकड़ में खड़ी फसलें खराब हो गई। लोग भी बीमार हुए। पशुओं के चारे के लिए लगाई गई बरसीन जल गई और गेहूं की फसल पूरी तरह खराब हो गई। इन गांवों के प्रभावित किसानों ने मुआवजे की मांग करते हुए रिफाइनरी के मुख्य द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया।
पानीपत रिफाइनरी के आसपास के गांवों के किसानों ने इस मुद्दे पर पानीपत डीसी कार्यालय में अपनी शिकायत भी दी। इसके बाद रिफाइनरी प्रबंधन ने लोगों और प्रशासन से दो दिन का समय मांगा और मामले की जांच करने की बात कही। यह समय सीमा गुरुवार शाम को समाप्त हो रही है।
इसी बीच मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए प्रशासन की ओर से गठित टीम भी गांवों में पहुंची है। इस टीम में कृषि विभाग के अधिकारी शामिल हैं। टीम ने गांवों में पहुंच कर फसलों की जांच की। टीम ने जांच रिपोर्ट जल्द पेश करने की बात कही है।
13 जनवरी सुबह साढ़े 11 बजे छोड़ी गैस
रिफाइनरी की पूर्व दिशा के 7 गांव सिंहपुरा, सिथाना, रजापुर, ददलाना, कुताना, बोहली व रेरकलां के किसान बग्गा, जश्नदीप, शेर सिंह आदि ने बताया कि 13 जनवरी की सुबह करीब साढ़े 11 बजे रिफाइनरी ने विषैली गैस छोड़ी थी। जैसे ही गैस फैलने लगी, लोगों का दम घुटने लगा। काफी देर बाद हालत सामान्य हुए तो देखा कि बरसीन की फसल जल गई है और गेंहू की फसल खराब हो गई है।
प्रभावित किसानों ने एकजुट होकर मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया। इसमें किसान संगठनों के नेता भी शामिल हुए। इसी दिन पहले ग्रामीण एकजुट होकर डीसी कार्यालय पहुंचे। डीसी नहीं मिले तो वे उनके कार्यालय में शिकायत पत्र दे दिया। इसके बाद रिफाइनरी के प्रवेश द्वार के बाहर प्रदर्शन किया गया और नष्ट फसल का मुआवजा मांगा गया। किसान नेता जगदीप सिंह औलख ने आरोप लगाया है कि रिफाइनरी से निकलने वाली गैस से सैकड़ों एकड़ में लगी गेहूं की फसल सूख गई।
कृषि विशेषज्ञों ने प्रभावित क्षेत्र का किया मुआयना
किसानों के कई घंटों तक के प्रदर्शन के बाद रिफाइनरी प्रबंधन ने एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की। इसके बाद प्रबंधन प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना करने के लिए राजी हो गया। प्रबंधन की तरफ से कहा गया है कि वे कृषि विशेषज्ञों के जरिए प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना कराएगा। इसके लिए उसने प्रदर्शकारी किसानों से 2 दिन की मोहलत मांगी है। मोहलत के अनुसार, कृषि विशेषज्ञों ने प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया और जल्द ही रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को देने के बारे में कहा।
रिफाइनरी अधिकारियों ने आरोपों को बताया निराधार
रिफाइनरी के अधिकारियों ने किसानों के आरोपों को आधारहीन बताया है और कहा है कि रिफाइनरी से कभी जहरीली एवं विषैली गैस नहीं निकलती है। फिर भी किसानों के लिए अपने स्तर पर जांच भी की गई, जिसमें इस तरह की गैस छोड़े जाने का कोई भी तथ्य सामने नहीं आया है। उनका कहना है कि बारिश या खराब मौसम की वजह से फसलों को नुकसान पहुंचा होगा। लेकिन बावजूद इसके उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे करवाया है।
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