उत्तर प्रदेश: आगरा- 100 मौतें... पश्चिम में बुखार तो पूरब में बाढ़, फिरोजाबाद समेत यूपी के कई जिलों में मचा हाहाकार
यूपी में इन दिनों वायरल फीवर और बाढ़-बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। खासकर कई जिलों में बुखार का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। सिर्फ फिरोजाबाद, मथुरा, कासगंज और आगरा में ही करीब 100 मौतें हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा 70 मौतें फिरोजाबाद में हुईं हैं। फिरोजाबाद के डीएम ने लापरवाही के आरोप में एक और डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आगरा और फिरोजाबाद में मेडिकल कैंप लगाए गए हैं। अस्पतालों में कोरोना के लिए रिजर्व बेड बुखार के मरीजों को देने निर्देश दिए गए हैं।
फिरोजाबाद में मरीज इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि 100 बेड की क्षमता वाले मेडिकल कॉलेज में 300 से ज्यादा लोग एडमिट हैं। ज्यादातर प्राइवेट अस्पताल भी फुल हैं। केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई मेडिकल टीम ने शुक्रवार को स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक की। बुखार जिस तेजी से फैल रहा है, उसे लेकर हैरानी जताई जा रही है। पड़ोसी जिले मैनपुरी और फर्रुखाबाद में भी एक माह में करीब 29 लोगों के मरने की खबर है।
मथुरा-आगरा में बढ़ रही मरीजों की संख्या
मथुरा में स्थानीय मेडिकल टीम प्रभावित इलाकों में जाकर चेकिंग कर रही है। शुक्रवार को एक गांव में पहुंची टीम का लोगों ने विरोध किया। वहीं, कुछ महिलाएं अपने बच्चों को बचाने के लिए गुहार लगाने लगीं। आगरा में भर्ती मरीजों की संख्या बढ़ रही है। एसएन मेडिकल कॉलेज के 48 बेड के वार्ड में 90 मरीज भर्ती हैं। 7 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई।
कानपुर में भी हालात बुरे
प्रयागराज में भी बड़ी संख्या में बच्चे बुखार से पीड़ित हैं। चिल्ड्रंस अस्पताल की ओपीडी में बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या दोगुनी हो गई है। इमरजेंसी और पीडियाट्रिक आईसीयू में क्षमता से ज्यादा बच्चे भर्ती किए गए हैं। एक बेड पर ही तीन-चार बच्चों को भर्ती किया जा रहा है। कई बच्चों के मरने की भी खबर है। कानपुर के एलएलआर अस्पताल के बाल रोग विभाग में 120 बच्चे भर्ती हैं। लखनऊ के फैजुल्लागंज में डेंगू का एक मरीज मिला है।
सीएम ने प्रमुख सचिव को भेजा
सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगरा और फिरोजाबाद में बुखार के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार को वहां कैंप करने कहा है। योगी ने कहा कि बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। एक-एक मरीज पर नजर रखी जाए। योगी ने शुक्रवार को टीम 9 की बैठक में यह निर्देश दिए।
सभी जिलों में स्वास्थ्य सहित अन्य मामले की मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं। अपर मुख्य सचिव पंचायती राज व ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह को लखनऊ का नोडल बनाया गया है। सीएम ने कहा कि शनिवार से पूरे प्रदेश में स्वच्छता व सेनेटाइजेशन का व्यापक अभियान शुरू करें।
बाढ़ के कारण 30 हजार लोग पलायन को मजबूर
इस बीच यूपी के गोरखपुर में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है। राप्ती-रोहिन, गोर्रा और सरयू नदियों में उफान की वजह से गोरखपुर-वाराणसी, बांसगांव-खजनी मार्ग पर आवागमन रोक दिया गया है। बंधों में दर्जनों स्थानों पर हो रहे रिसाव ने स्थानीय लोगों के साथ ही प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। बांसगांव में बाढ़ के पानी में गिरने से मां-बेटी की मौत हो गई। इस बीच, सीएम योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया और पीड़ितों को राहत सामग्री बांटी।
खतरे के निशान से ऊपर नदियां
गोरखपुर में सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नकबैठा पुल के समीप पानी चढ़ने से गोरखपुर-वाराणसी मार्ग पर आवागमन ठप हो गया है। आमी नदी में उफान के कारण बांसगांव-खजनी मार्ग पर भी आवागमन रोक दिया गया है। बाढ़ की वजह से तकरीबन सभी बंधों पर दबाव बढ़ गया है।
शहर के सुरक्षा कवच मलौनी बांध में रिसाव हो रहा है। कोठा-रकहट बांध में कई स्थानों पर रिसाव हो रहा है। बरही पाथ बांध में रिसाव से ग्रामीण बुरी तरह डर गए हैं। जिले के 275 गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। करीब 30 हजार लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन को मजबूर हुए हैं।
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