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Friday, June 18, 2021

राजस्थान:अलवर-नवजात बच्ची को सरकारी अस्पताल में मृत घोषित किया, परिजन तत्काल प्राइवेट अस्पताल लेकर गये तो जिंदा निकली

राजस्थान:अलवर-नवजात बच्ची को सरकारी अस्पताल में मृत घोषित किया, परिजन तत्काल प्राइवेट अस्पताल लेकर गये तो जिंदा निकली

अलवर। राजस्थान के अलवर राजकीय महिला चिकित्सालय में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां स्टाफ ने एक नवजात शिशु को मृत घोषित कर दिया और परिजनों को सौंप दिया। लेकिन जब उस नवजात शिशु को परिजन दूसरे अस्पताल में दिखाने ले गए तो डॉक्टरों ने जीवित बताया। इसके बाद बच्ची को परिजन वापिस महिला अस्पताल में लेकर आये। बच्ची को जिंदा पाकर शिशु हॉस्पिटल में बच्ची को भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया है।
इस मामले में पीड़ित परिवार ने शिकायत दर्ज कराई है। इस संबंध में यह मामला फिर से जब महिला अस्पताल में आया तो हड़कंप मच गया और आनन-फानन में इस मामले की जांच कराई गई। जहां यह बात सामने आई कि यहां के स्टाफ ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। इस संबंध में नाहर कला रामगढ़ निवासी रवि कुमार ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को ज्ञापन देकर इस मामले में लापरवाह नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
ज्ञापन में रवि कुमार ने बताया कि 15 जून को जनाना अस्पताल में उसकी गर्भवती पत्नी को भर्ती कराया गया था उसकी तबीयत खराब होने पर यहां के डॉक्टरों ने गुरुवार को इमर्जेंसी डिलीवरी करवाई। अस्पताल के टिकट पर बालिका को मृत घोषित दिखा। उसके बाद जब बच्चे के रोने की आवाज आई तो इस संबंध में स्थानीय स्टाफ को कहा गया तो उन्होंने अनसुना कर दिया उसके बाद उस बच्ची को निजी सिटी हॉस्पिटल लेकर गए जहां बच्ची पूर्ण रूप से स्वस्थ बताई गई।

उन्होंने इस मामले में स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। रवि कुमार के भांजे दीपक कुमार ने बताया कि सरकारी अस्पताल के स्टाफ ने बच्चे को मृत पैदा होना बताया। थोड़ी देर बाद ही उसके रोने की आवाज आई तो स्टाफ का ध्यान दिलाया गया लेकिन स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया। उसके बाद उसे दिलीप सेठी हॉस्पिटल लेकर गए जहां बच्चे पूरी तरह ठीक बताया लेकिन उन्होंने प्रीमेच्योर होने के कारण उसे जयपुर ले जाने की सलाह दी।
इधर, राजकीय महिला चिकित्सालय के डॉ. टेकचंद ने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। उन्होंने बताया है कि महिला को 15 जून को भर्ती कराया गया था। यहां की नर्स ने नवजात जो अर्ध विकसित और सीरियस अवस्था में देखा। उसका ऑक्सीजन लिया और टिकिट पर भी मृत मान लिया। तब उस बच्ची का सैचुरेशन भी पूरी तरह डाउन था। अब इस मामले की जांच की जा रही है कि इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई?
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