वाराणसी - शहीद के परिजनों ने कहा-जब तक रक्षा मंत्री और CM योगी नहीं आते तब तक नहीं करेंगे अंतिम संस्कार
छतीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में शहीद हुए चंदौली के लाल धर्मदेव के पार्थिक शव के अंतिम संस्कार से उनके परिजनों ने इंकार कर दिया। शहीद के शव का अंतिम संस्कार रोक परिजन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाने की मांग कर रहे हैं।
धर्मदेव के पिता रामाश्रय गुप्ता ने बताया कि शहादत की खबर के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फोन पर उनसे बातचीत की, लेकिन जब आज मेरे शहीद बेटे का शव आया तो कोई कोई भी मंत्री, सांसद और विधायक नहीं आया। शहीद के पिता रामाश्रय गुप्ता ने ये मांग की कि जब तक प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां आकर परिवार से नहीं मिलेंगे, तब तक वो शहीद बेटे का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
मंगलवार की सुबह पहुंचा शव
बीजापुर नक्सली हमले में शहीद सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के कमांडो धर्मदेव का पार्थिव शव मंगलवार सुबह चंदौली के ठेकहां गांव पहुंचा। शव के गांव पहुंचने से पहले ही हाथों में तिरंगा और जुबां पर भारत माता की जय के नारे के साथ बड़ी संख्या में लोग उनके गांव में जुटने लगे। शव के पहुंचने के साथ ही लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी, लेकिन जब स्थानीय सांसद और विधायक मौके पर नहीं दिखे तो परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा।
पत्नी और मां का रो-रो कर बुरा हाल
शहीद धर्मदेव का शव गांव पहुंचने के साथ ही उनकी मां कृष्णावती और पत्नी मीना का रो-रो कर बेहाल है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले ज्योति और साक्षी के अलावा मीना के गर्भ में पल रहे बच्चे के सिर से पिता का साया उठ गया है।
छोटे भाई भी सीआरपीएफ में हैं तैनात
धर्मदेव के छोटे भाई धनंजय भी सीआरपीएफ के जवान हैं। धर्मदेव के साथ ही उनका भी चयन सीआरपीएफ में हुआ था। वर्तमान में धनंजय भी छतीसगढ़ में तैनात हैं।
डीएम ने परिजनों से की मुलाकात
वहीं, जिलाधिकारी चंदौली और पुलिस अधिकारियों ने जवान के परिवार से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि परिजनों को सरकार ने 50 लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की है। साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी और उनके नाम पर एक जिला सड़क का नाम होगा।
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