गुजरात: अहमदाबाद में बिगड़े हालात, अस्पतालों के बाहर लगी ऐंबुलेंस की लाइन, ऑक्सीजन मास्क लगाए इंतजार कर रहे हैं मरीज
अस्पतालों में भी हालात खराब हैं। तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के कारण मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में कई सिविल अस्पतालों के सामने ऐंबुलेंस की कतारें देखी गई हैं। इन ऐंबुलेंस में मरीज ऑक्सिजन मास्क पहनकर अस्पताल में दाखिल होने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। मरीजों की बढ़ती तादाद तो देखते हुए अहमदाबाद के सिविल अस्पतालों में ऐंबुलेंस की संख्या बढ़ाई गई है।
अस्पताल में बेड आरक्षित
अहमदाबाद नगर निगम (AMC) इन हालात से निपटने के लिए जरूरी इंतजाम करने में लगा है। प्रशासन का कहना है कि कोविड अस्पतालों के 20 फीसदी बेड मरीजों के लिए आरक्षित करने होंगे। एएमसी ने 140 प्राइवेट अस्पताल भी तैयार किए हैं। कोविड अस्पताल तथा एएमसी मरीजों के इलाज का भुगतान करेंगे। वहीं, एएमसी ने अस्पतालों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 20 फीसदी बेड कोविड इलाज के लिए रिजर्व नहीं किए गए तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा।
हालात सामान्य होने की उम्मीद
अहमदाबाद जिला प्रशासन जल्दी ही कोरोना के मामले काबू में होने की उम्मीद कर रहा है। मंगलवार को गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए मेडिकल फेसिलिटी को बढ़ाया गया है। राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ी लेकिन इसकी कमी नहीं होने दी गई। रुपाणी ने कहा कि जल्दी ही गुजरात में कोरोना के मामले कम हो जाएंगे।
श्मशान घाटों पर भीड़
गुजरात में बीते एक सप्ताह से कोरोना से मरने वालों की तादाद बढ़ी है। इस वजह से श्मशान घाटों पर भी भारी भीड़ देखने को मिल रही है। कोविड-19 या अन्य रोगों के कारण जान गंवाने वाले लोगों के संबंधियों को उनके अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाटों पर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
कोरोना से कोहराम
अहमदाबाद गुजरात का सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित शहर है। यहां एक दिन के भीतर 2 हजार 251 नए कोरोना केस मिले हैं। यह सूरत से करीब एक हजार केस ज्यादा हैं, जहां 24 घंटे में 1,264 मरीज मिले हैं। अहमदाबाद में एक दिन में सबसे अधिक 23 लोगों की जान गई है। अब तक गुजरात में कुल केस 3,60,206 तक पहुंच गया है।
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