मध्य प्रदेश: झाबुआ-कोरोना के डर से अपने हुए पराये, 82 साल के बुजुर्ग को मुसलमानों ने दिया कंधा, बेटियों ने दी मुखाग्नि
कोरोना वायरस ना केवल इंसान के शरीर को संक्रमित कर रहा है, बल्कि यह आपसी रिश्तों में भी डर का जहर फैला रहा है। इस वायरस के डर से खास रिश्ते भी टूट रहे हैं। मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के थांदला शहर में एक बुजुर्ग का निधन हो जाने के बाद पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने अंतिम संस्कार में शामिल होने से इनकार कर दिया। लेकिन रोजेदार मुसलमानों ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए उनके शव को कंधा देकर मुक्तिधाम तक पहुंचाया। फिर बेटियों ने मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया।
थांदला निवासी 82 वर्षीय कालु लालचंद बोथरा कोरोना वायरस से संक्रमित थे। गुजरात के गोधरा में 14 दिन इलाज के बाद उनकी मृत्यु हो गई। वायरस के संक्रमण के डर से उनके नाते-रिश्तेदार और पड़ोसियों ने उनके शव के पास जाने से भी इनकार कर दिया।
बोथरा का अंतिम संस्कार कैसे हो यह समस्या बन गई। तब स्थानीय मुसलमान युवक सामने आए। मृत पिता की अभिभाषक बेटी कविता बोथरा ने मेघनगर के युवा मुसलमानों से अंतिम संस्कार में सहयोग की गुहार लगाई।
कविता की गुहार पर मोहम्मद निसार शेरानी, हाजी सिद्दीक बिल्ला, फारुख भाई, याकूब भाई, मौलाना ताहिर और हाफिज इमरान ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए निजी खर्च से एक लोडिंग वाहन लेकर मृतक परिवार के घर पहुंचे। रोजादार होते हुए भी वे मृतक की डेड बॉडी को मेघनगर से थांदला स्वयं के खर्च से लेकर आए। कोरोना संक्रमित डेड बॉडी को पांचों ने कंधा दिया। थांदला के मुक्तिधाम में दोनों बेटियों- कविता व तृप्ति ने पिता को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।
#vsknews
No comments:
Post a Comment