स्कूल बस बंद हुई तो ये बच्चा अपने घोड़े पर बैठ जाने लगा स्कूल
कोरोना संक्रमण के कारण स्कूलों के लिए हुए लॉकडाउन के चलते सर्वाधिक प्रयोग शिक्षा के क्षेत्र में ही हुए हैं। स्कूल में क्लास में नियमित पढ़ाई का विकल्प ऑनलाइन शिक्षा निकला तो स्कूल बस बंद होने का अनूठा विकल्प मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के गांव में एक छात्र ने निकाल लिया। वह अपने घोड़े पर सवार होकर रोज स्कूल जाता है । वह किसी राज परिवार का राजकुमार नहीं एक किसान का नन्हा बेटा है, जिसे पढ़ाई का जुनून इस कदर है कि स्कूल बस बंद हुई तो अपने घोड़े को ही अपना साधन बना लिया। प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में स्कूल जाने के लिए कहीं नदी पार कर जद्दोजहद करते स्कूली बच्चे आपने देखे होंगे तो कहीं रास्ते के पुल पर जोखिम उठाकर बच्चे भी। लेकिन खंडवा जिले के ग्राम गुराड़ी माल के 12 वर्षीय शिवराज का मामला थोड़ा अलग है वह पीठ पर स्कूल बैग बांधे जब अपने दोस्त राजा (घोड़ा) की पीठ पर बैठकर घर से निकलता है तो सबकी निगाहें उस पर टिक जाते हैं यह उसका कोई शौक नहीं बल्कि मजबूरी है। लॉकडाउन में स्कूल बंद होने के बाद बमुश्किल खुले तो बस चालू नहीं हुई । घर से स्कूल 5 किलोमीटर दूर था और रास्ता पथरीला एक-आध बार साइकिल से सवारी की तो पथरीले रास्ते पर गिरकर इतने जख्म खाए कि दोबारा साइकिल की सवारी की हिम्मत नहीं हुई । मुसीबत में उसे अपना दोस्त घोड़ा ही नजर आया जो उसे सुरक्षित पहुंचाने की गारंटी भी थी। शिव राज पढ़ने में बहुत तेज है स्कूल में अपनी क्लास 1 दिन भी नहीं छोड़ना पसंद करता है.
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