राजस्थान: भर्ती परीक्षा पास फिर भी बेरोजगार हजारों उम्मीदवार... एक-दो नहीं, अटकी हैं राजस्थान की इतनी नौकरियां
राजस्थान के युवा एक बार फिर सड़कों पर हैं। राज्य की अलग-अलग भर्ती परीक्षाएं पास होने के बाद भी सालों से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। अनियमितता और धांधली के आरोपों में फंसी सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा रद्द मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन उम्मीदवार फिर भी खाली हाथ हैं। राजस्थान की यह ऐसी इकलौती भर्ती नहीं है, जो लंबे समय से अटकी हुई है।
राजस्थान में अटकी भर्तियां
एक तरफ राज्य सरकार बंपर भर्तियों की घोषणा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ कई भर्तियां कोर्ट केस, विभागीय लापरवाही और डेपुटेशन विवादों के कारण अटकी पड़ी हैं। इनमें राजस्थान शिक्षक भर्ती 2018-2021, मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर भर्ती 2021, सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021, खाद्य सुरक्षा अधिकारी भर्ती 2022, पशुधन सहायक भर्ती 2022 और सूचना सहायक भर्ती 2023 शामिल हैं। बीते छह साल से राज्य की अलग-अलग भर्तियां अटकी हुई हैं, जिससे युवाओं में निराशा बढ़ रही है। युवा अपनी मेहनत और चयन के बाद भी कोर्ट के चक्कर, वकीलों की फीस और विभागीय लापरवाही की वजह से मानसिक और आर्थिक तनाव झेल रहे हैं। इनमें ऐसे बहुत से उम्मीदवार भी शामिल हैं जो नई भर्ती की वजह से अपनी नौकरी छोड़ चुके हैं।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी भर्ती 2022: 298 युवा बेरोजगार
2022 में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी (FSO) के 200 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया पूरी की थी। फाइनल रिजल्ट 10 जून 2024 को जारी हुआ और 20 जून 2024 को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को चयनित अभ्यर्थियों की सूची भेज दी गई। हालांकि, 298 अभ्यर्थियों को चयन होने के बाद अभी तक पोस्टिंग नहीं मिली है। कारण है कि डेपुटेशन पर कार्यरत कर्मचारियों ने भर्ती को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसके चलते प्रक्रिया रुकी हुई है। राजस्थान में खाद्य सुरक्षा से जुड़े 400 पद खाली हैं, फिर भी ये युवा नियुक्ति पत्र लेकर बेरोजगार घूम रहे हैं।
मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर भर्ती 2021: 197 अभ्यर्थी इंतजार में
मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (MVI) भर्ती 2021 में 197 अभ्यर्थी चयनित हुए, लेकिन चार साल से ये नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। राज्य में 405 पदों में से 377 पद खाली हैं, फिर भी भर्ती प्रक्रिया कोर्ट में अटकी है। कर्मचारी चयन बोर्ड ने पहले तीन साल के डिप्लोमा को योग्यता माना था, लेकिन बाद में सरकार ने बीटेक डिग्री वालों को भी शामिल करने के निर्देश दिए, जिससे विवाद शुरू हुआ। कोर्ट में सरकारी वकीलों की अनुपस्थिति ने मामले को और लंबा खींच दिया है।
पशुधन सहायक भर्ती 2022: 6433 चयनित, फिर भी रुकी प्रक्रिया
इस लिस्ट में 6 हजार से अधिक पदों वाली पशुधन सहायक भर्ती भी शामिल हैं। इस भर्ती के तहत मार्च 2023 में 6433 पदों पर अभ्यर्थियों का चयन हुआ, लेकिन नॉर्मलाइजेशन विवाद के कारण यह भर्ती भी कोर्ट में फंस गई। अगस्त 2024 में शेष 22 पदों का परिणाम जारी हुआ, लेकिन 38 अभ्यर्थियों की जॉइनिंग पर पिछले 8 महीनों से स्टे लगा हुआ है।
शिक्षक भर्ती 2018-2021: रिजल्ट आया पर नौकरी नहीं मिली
शिक्षक भर्ती 2018 और 2021 में भी कई पदों पर नियुक्तियां अटकी हैं। प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2018 के 213 पदों का परिणाम जारी होने के बावजूद शिक्षा विभाग ने दस्तावेज सत्यापन शुरू नहीं किया। वहीं, अध्यापक भर्ती 2021 के 1260 पदों का परिणाम लंबित है, जिसमें उर्दू को छोड़कर अन्य विषयों का एक गुणा परिणाम अभी तक जारी नहीं हुआ। फायरमैन भर्ती 2021 (120 पद) और एलडीसी भर्ती 2023 (625 पद) भी कोर्ट में फंसी हैं।
चयन होने के बाद कोर्ट में लटकी प्रक्रिया
सूचना सहायक भर्ती 2023 में 3415 अभ्यर्थियों का चयन हुआ, लेकिन कोर्ट केस के कारण नियुक्तियां रुकी हैं। इसी तरह, ग्राम विकास अधिकारी (VDO) भर्ती 2021 के 713 पदों का परिणाम जारी होने के बावजूद नियुक्तियां नहीं हो सकीं, क्योंकि विवादित प्रश्नों को लेकर मामला कोर्ट में है।
सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021: पेपर लीक और रद्द करने की मांग
सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती 2021 में 850 पदों के लिए 12 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। पेपर लीक के आरोपों के बाद 55 ट्रेनी SI गिरफ्तार हो चुके हैं। एक पक्ष भर्ती रद्द करने की मांग को लेकर धरने पर हैं, जबकि चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए कोर्ट में लड़ रहे हैं। राजस्थान हाईकोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई 2025 को हुई लेकिन कोई ठोस फैसला नहीं हो सका। अब सभी की निगाहें 9 जुलाई को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं।
सरकार की कोशिशें और युवाओं की निराशा
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने 2024-2026 के लिए भर्ती कैलेंडर जारी किया है, जिसमें 50,000 से अधिक पदों पर भर्ती की घोषणा की गई है। इनमें पटवारी, शिक्षक और वन रक्षक भर्ती की घोषणा की है, लेकिन पुरानी भर्तियों का अटकना युवाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष हनुमान किसान का कहना है कि सरकार को कोर्ट में मजबूत पैरवी करनी चाहिए ताकि चयनित अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति मिल सके।
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