नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस परेड में महाकुंभ का जलवा, दिल्ली के कर्तव्य पथ पर झांकी देखिए
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26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस पर प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ महोत्सव की झांकी का जलवा रहा। उत्तर प्रदेश की भव्य प्रदर्शनी में समुद्र मंथन और कलश से निकलते अमृत दिखाई गई। देवता और राक्षसों में मंथन को दिखाया गया। इसके साथ ही ऋषि-मुनियों की मूर्तियां भी रहीं। कलाकार शंख वादन करते हुए उत्सव में सहभाग लेते रहे।
इस दौरान कवि वीरेंद्र वत्स का लिखा गीत बजता रहा, जिसके बोल रहे- स्वर्गलोक की आभा उतरी तीर्थराज के आंगन में, झूम रहे हैं साधु-संत जन, पुलक भरा है तन-मन में...भव्योदिव्यो महाकुंभ: सर्वसिद्धिप्रदायक : प्रयागराजस्तीर्थानां प्रमुखो लोकविश्रुत।
गौरतलब है कि 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा। यहां करोडों लोग पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। दिल्ली में कर्तव्य पथ पर हर साल की तरह इस बार भी अपनी सैन्य शक्ति और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया गया। राष्ट्र संविधान के लागू होने का ‘प्लेटिनम जुबली’ भी 26 जनवरी को मनाएगा।
संविधान के लागू होने का 75 साल पूरा होना इस वर्ष समारोहों का मुख्य आकर्षण है, लेकिन झांकियों का विषय ‘स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास’ है। परेड में कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 16 झांकियां और केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और संगठनों की 15 झांकियां प्रदर्शित की गई। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो इस अवसर पर मुख्य अतिथि रहे।
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