नई दिल्ली:देश का सौहार्द इतना कमजोर नहीं है... एक्टिविस्ट की गिरफ्तारी में ढाल बन गया हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट ने देश में सद्भाव का जिक्र करते हुए एक मंगलवार को दुश्मनी को बढ़ावा देने के एक कथित मामले में एक्टिविस्ट नदीम खान को 6 दिसंबर तक गिरफ्तारी से राहत दे दी। जस्टिस जसमीत सिंह ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि देश का सद्भाव इतना नाजुक नहीं है और आम इंसान के विवेक पर भरोसा कायम रहना चाहिए।
देश का सौहार्द इतना नाजुक नहीं
जस्टिस सिंह ने कहा, हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। देश का सौहार्द इतना नाजुक नहीं है। आम आदमी इतना नाजुक नहीं है कि महज एक प्रदर्शन से उसका विश्वास हिल जाएगा। जस्टिस सिंह ने कहा कि देश हमारे मौलिक अधिकारों पर बहुत गर्व करता है। अनुच्छेद 19(1)(ए) की रक्षा की जानी है। अगर आपको लगता है कि आम आदमी इससे भड़क जाएगा, तो आम आदमी के पास ऐसा करने का आईक्यू नहीं है। समझें कि उनके लिए क्या सही है..कृपया आम आदमी पर थोड़ा भरोसा रखें।
पुलिस के FIR पर सवाल
सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल, खान की ओर से पेश हुए और दलील दी कि एफआईआर दुर्भावनापूर्ण थी। उन्होंने कहा कि एफआईआर में किसी भी संज्ञेय अपराध का खुलासा नहीं किया गया है और यह बिना किसी आधार के केवल अनुमानों पर आधारित है। पुलिस के वकील ने आरोप लगाया कि याचिकाकर्ता देश के अंदर युद्ध छेड़ने की कोशिश कर रहा था और अगर वह गिरफ्तारी से सुरक्षा चाहता है तो उसे अग्रिम जमानत याचिका दायर करनी चाहिए थी।
6 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
इसके बाद जस्टिस सिंह ने 30 नवंबर को दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग करने वाली खान की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। साथ ही उनसे जांच में शामिल होने और जांच अधिकारी की अनुमति के बिना राष्ट्रीय राजधानी नहीं छोड़ने को कहा। मामले में अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी।
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