अयोध्या:अयोध्या के ऋषि के इंडियन आइडल शो जीतने का सफर आसान नहीं था..पिता को लगता था बेटा गाने-बजाने में समय कर रहा बर्बाद
अयोध्या के ‘लोकल बॉय’ से गायकी का ‘नैशनल फेस’ बन चुके अयोध्या के ऋषि के इंडियन आइडल शो जीतने का सफर आसान नहीं था। अपने संगीत के जुनून के लिए ऋषि को कई बार डांट भी खानी पड़ी। उसके पिता राजेंद्र सिंह के मुताबिक वह चाहते थे कि उनका बेटा पढ़कर इंजिनियर या डॉक्टर बने। उन्हें लगता था कि बेटे को गाने-बजाने में समय नहीं खराब करना चाहिए, लेकिन अपनी प्रतिभा के दम पर ऋषि ने अपना अलग ही मुकाम हासिल कर लिया। राजेंद्र कहते हैं कि मेरे बेटे ने अयोध्या के साथ देश व मेरे परिवार का नाम रोशन कर अब मेरी भी पहचान बदल दी है। पहले उसे लोग राजेन्द्र सिंह के बेटे के नाम से जानते थे, अब मुझे लोग ऋषि के पिता के रूप में जानेंगे। एक बाप के लिए इसके बड़ी खुशी क्या होगी? उन्होंने प्रभु राम की कृपा से ही संभव हो सका। इंडियन आइडल शो जीतने के बाद सोमवार को सुबह से ही लोग बधाई देने के लिए ऋषि के घर पहुंचे। हालांकि घरवालों के मुंबई में होने पर लोगों ने फोन से ही सबको बधाइयां दीं।
दोस्त बोले नहीं चढ़ा स्टारडम
उनके स्कूली दिनों में साथ में सेंथाइजर पर संगत करने वाले स्कूल के जूनियर रघुवीर बताते हैं कि हम लोग घर पर भी गाने का रियाज करते थे। मंचों पर भी उन्होंने खूब तारीफ बटोरी, लेकिन, टीवी पर छाने के बाद भी न उन पर स्टॉरडम चढ़ा और न ही घमंड। हमारी फोन पर अक्सर बात हो जाती है। फाइनल के पहले रामनवमी पर ऋषि जब अयोध्या शूटिंग के लिए आए थे तो उन्होंने मुझे फोन कर बुलाया और पूर क्रू से मुलाकात कराई। अयोध्या में उनका शानदार स्वागत हुआ था। श्रीरामंदिर ट्रस्ट की ओर आयोजित राम जन्मोत्सव में भी ऋषि ने उसी शिद्दत से गाया जैसे वह अयोध्या के कार्यक्रमों में पहले गाया करते थे।
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