उत्तर प्रदेश: कानपुर : पुलिस जागी लेकिन देर से.. पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने बताई कानपुर में क्यों भड़की हिंसा, कहां हुई चूक
कानपुर में हुई हिंसाको लेकर एसआईटी और एटीएस टीम की जांच जारी है। इसी बीच उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि यदि पुलिस को पता था कि जुमे की नमाज का फायदा उठाकर शरारती तत्व लोगों को भड़काकर पत्थरबाजी करते हैं तो पुलिस को अलर्ट होना चाहिए था। विक्रम सिंह ने कहा कि पुलिस को पुलिस की तरह काम करना चाहिए, दंगाइयों के ऊपर प्रोटोकॉल के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। पत्थर बाजी करना, गाली-गलौज करना पुलिस का काम नहीं है।
पुलिस की भूमिका पर एक निजी चैनल से बात करते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि वे तीन साल कानपुर एसएसपी रहे हैं। कानपुर में 4 थाने बेहद संवेदनशील हैं, बजरिया, बेकनगंज, कोतवाली, और कलेक्टरगंज। ऐसे में जब किसी वीवीआई का दौरा होता है, तो वहां से एक भी सिपाही को नहीं हटाया जाता है।
पुलिस जागी जरूर लेकिन देर से- पूर्व डीजीपी
डीजीपी ने कहा कि एक यूट्यूब चैनल रहा है उसकी स्क्रूटनी क्यों नहीं की गई, जिसका बैंगलौर के दंगे में हाथ है। डीजीपी ने कहा कि सावधानी हटी दुर्घटना घटी, यदि पुलिस को पता था कि जुमे की नमाज का फायदा उठाकर शरारती तत्व लोगों को भड़काकर पत्थरबाजी करते हैं तो पुलिस को अलर्ट होना चाहिए था। पूर्व डीजीपी ने कहा कि पुलिस जागी जरूर लेकिन देर से।
'पत्थर बाजी करना, गाली-गलौज करना पुलिस का काम नहीं'
पूर्व डीजीपी पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि, जहां जुमे की नमाज होती है, वहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम होते तो ये दुर्घटना बिल्कुल नहीं होती। पुलिस का काम टियर गैस, लाठी, वाटर कैनन चलाना है, न कि पत्थर बाजी करना, गाली-गलौज करना पुलिस का काम नहीं है।
'पुलिस को पुलिस की तरह काम करना चाहिए'
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि पुलिस को पुलिस की तरह काम करना चाहिए, दंगाइयों के ऊपर प्रोटोकॉल के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। पूर्व डीजीपी ने कहा कि दंगाइयों के ऊपर कार्रवाई में जो राइट ड्रिल इक्विपमेंट है केवल उसी का इस्तेमाल होना चाहिए। स्ट्रीक्ट इंटेलजेंस से ही दंगे या हिंसा को रोका जा सकता है।
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