उत्तर प्रदेश :आगरा: बहन की शादी टूटने और चोरी में बेइज्जती का बदला लेने को किया 9 साल के मासूम का कत्ल, ऐसे खुला राज
नौ साल के मासूम बच्चे की हत्या कर दी। हत्या करने वाले बच्चे के पड़ोसी ही निकले। पुलिस ने हत्यारोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। आरोपियों ने बच्चे का करीब 25 दिन पहले अपहरण कर लिया था। उसी दिन बच्चे की गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को गांव के बाहर जंगल में दफना दिया। आरोपियों की निशानदेही पर शुक्रवार रात को शव बरामद कर लिया गया। इस हत्या कांड से गांव में मातम पसर गया है। हर कोई घटना की जानकारी से सन्न रह गया है।
पुलिस के अनुसार, थाना इरादत नगर के हज्जुपुरा में गब्बर सिंह किराना की दुकान करते हैं। उनका नौ साल का बेटा कुलदीप 23 जनवरी को खेल के मैदान से लापता हो गया। बच्चा जब घर नहीं आया तो गब्बर सिंह ने थाना इरादत नगर में रिपोर्ट दर्ज कराई। कई दिनों तक पुलिस कुलदीप की खोजबीन में लगी रही, लेकिन कोई सुराग नहीं लग सका। इस बीच चुनाव आ गए। गांव वालों ने बच्चे की बरामदगी न होने पर चुनाव का बहिष्कार कर दिया। नेताओं और पुलिस के अधिकारियों की ओर से समझाने पर मामला शांत हुआ। काफी दिन बीतने के बाद जब बच्चे की कोई जानकारी नहीं हुई तो कुलदीप के पिता गब्बर सिंह ने बच्चे का सुराग देने वाले को पांच लाख का इनाम देने की घोषणा कर दी। लालच में आए हत्यारोपियों ने गब्बर के घर पत्र भेजकर 35 लाख की फिरौती मांगी। इसके बाद हत्यारोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया और उन्होंने हत्या की घटना कबूल की।
बहन की शादी टूटने और चोरी में हुई बेइज्जती का लिया था बदला
थाना प्रभारी अवदेश कुमार गौतम ने बताया कि हत्या के आरोपी गब्बर सिंह के पड़ोसी हैं। मुकेश नामक आरोपी कुछ समय पहले गब्बर सिंह के घर पर किराये पर रहता था। उसकी बहन की शादी जहां तय हुई थी वह टूट गई थी। जिसका कारण मुकेश गब्बर सिंह को मानता है। इस सदमे में उसकी बहन की मौत हो गई। दूसरा आरोपी कन्हैया दो साल पहले किसी चोरी में पकड़ा गया था। गांव वालों के साथ मिलकर गब्बर सिंह ने कन्हैया में जूते मरवा दिए थे। इस वजह से इन लोगों ने गब्बर सिंह से रंजिश मान ली। अपने साथ अन्य आरोपी आशु को भी मिला लिया और गब्बर के बेटे कुलदीप की हत्या कर डाली।
रुपये के लालच में खुला हत्या का राज
गब्बर सिंह ने जब बच्चे को लाने के एवज में पांच लाख रुपये देने का एलान किया तो आरोपियों में लालच जग गया। तीनों ने मिलकर 35 लाख रुपये की फिरौती के लिए गब्बर को पत्र लिखकर उसके घर डाल दिया। क्योंकि तीनों पड़ोसी थे इसलिए हर गतिविधि की जानकारी मिल जाती थी। गब्बर सिंह कहता रहा कि कैसे मान लिया जाय कि मेरा बच्चा इन्हीं के पास है। इसके बाद तीनों ने शव को खोदकर कुलदीप की टोपी निकाल ली और गब्बर सिंह के घर सबूत के तौर पर फेंक दी। थाना प्रभारी ने बताया कि शक होने पर मुकेश, कन्हैया और आशु को पकड़ लिया। हैंड राइटिंग मिलान की तो मैच कर गई। सख्ती से पूछताछ पर आरोपियों ने घटना कबूल कर ली। पुलिस ने बताया कि कुलदीप की 23 को ही गला घोंटकर हत्या कर दी थी और शव को दफना दिया था। तीनों आरोपी कुलदीप को खेल के मैदान से अपहरण करके ले गए थे।
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