हरियाणा: रोहतक के बाद सोनीपत की चीनी का सबसे अधिक 3460 रुपए प्रति क्विंटल दाम
शुगर मिल सोनीपत में गन्ना पेराई के साथ-साथ चीनी की अच्छी उत्पादकता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ताकि अच्छी चीनी से शुगर मिल की आय में सुधार किया जा सके। अब तक शुगर मिल द्वारा नौ लाख 60 हजार क्विंटल से अधिक गन्ने की क्रेशिंग का कार्य किया जा चुका है। जिससे शुगर मिल प्रबंधन ने करीब 80 हजार क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है। चीनी का उत्पादन अधिक होने की वजह से मिल को फायदा होगा। क्योंकि रिकवरी अच्छी होने के साथ-साथ मिल द्वारा बढ़ियां क्वालिटी भी दी जा रही है।
मिल में चीनी की अंतिम बोली में सोनीपत शुगर मिल की चीनी प्रदेश में दूसरे नंबर की चीनी बन गई है। रोहतक के बाद सोनीपत शुगर मिल की चीनी का 3460 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदारों ने बोली लगाई है। यह बोली ऑनलाइन होती है, जिसके बाद खरीदार मिल के खाते में पैसे ट्रांसफर करता है और उसके हिस्से की चीनी दे दी जाती है। पिछले सालों में मिल में आने वाली खराबी की वजह से चीनी की क्वालिटी और रिकवरी पर असर पड़ा था। जिसके अब सुधरने से कर्मियों ने राहत की सांस ली है।
शुगर मिल सोनीपत द्वारा 24 किमी रेडियस में उगाए जाने वाले गन्ने की क्रेशिंग का कार्य किया जाता है। जिसके लिए मिल द्वारा किसानों को बॉन्ड जारी कर गन्ना लिया जा रहा है। मिल के कार्यक्षेत्र में करीब 16 हजार एकड़ जमीन पर गन्ने की खेती की जा रही है। जिसमें करीब पांच हजार एकड़ का गन्ना रस और गुड़ बनाने सहित विभिन्न माध्यमों से प्रयोग में लाया जाता है। शेष गन्ने की पेराई का कार्य मिल द्वारा किया जाता है। इस साल मिल द्वारा 35 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य रखा गया है।
शुगर मिल में अगर नियमित रूप से पेराई का कार्य किया जाए तो भी मिल घाटे में ही रहती है। क्योंकि बनाई जाने वाली चीनी पर आने वाला खर्च होने वाली आय से अधिक होता है। इसके अलावा मिल के कर्मचारियों का स्टाफ, तमाम इंफ्रास्ट्रक्चर आदि पर बहुत पैसा खर्च होता है। जिसके कारण मिल हर साल घाटे में ही रहती है। लेकिन इस साल अच्छी चीनी बनने से मिल प्रबंधन को अधिक लाभ होने की उम्मीद है। जिसके लिए मिल एमडी ने कर्मचारियों और अधिकारियों को संजीदगी से कार्य करने का दिया है।
No comments:
Post a Comment