राजस्थान: उदयपुर-इस जांबाज की कहानी सुनकर करेंगे सैल्यूट, ढाई साल में 14 आतंकवादी को मार गिराया
कश्मीर घाटी में कई आतंकियों का खात्मा करने वाले उदयपुर के मेजर भरत सिंह झाला को भारतीय सेना ने वीरता पुरस्कार दिया है। झाला को दूसरी बार यह पुरस्कार दिया जा रहा है। 34 राष्ट्रीय राइफल में तैनात मेजर झाला को 19 अप्रैल 2021 को जम्मू-कश्मीर के शोपियां के जइपोरा में हिजबुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकी और 14 नवम्बर 2021 को लश्कर के दो आतंकियों को ढेर करने के लिए सम्मान दिया गया है। इसमें से एक हिजबुल का टॉप कमांडर आमिर हुसैन था।
तीन लोगों को ही मिला बार टू सेना मेडल
सेना की ओर से बार टू सेना मेडल इस बार देश में सिर्फ तीन सैनिकों को ही मिला है। इसमें से एक उदयपुर के मेजर झाला हैं। झाला को पिछले साल भी सेना मेडल से नवाजा गया था। तब झाला ने शोपियां में ही लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों को ढेर किया था। झाला ने 2008 में भारतीय थल सेना अकादमी में प्रशिक्षण लेकर जाट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट के पद पर कमीशन लिया था। झाला के पिता रघुनाथ सिंह सब इंस्पेक्टर थे। वे राजस्थान पुलिस में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 35 साल के झाला के एक 5 साल की बेटी भी है। वे पिछले ढाई साल में 14 आतंकियों का खात्मा कर चुके हैं।
मेजर झाला बोले- घरवाले जरूर डरते हैं, लेकिन मेरी तो आदत हो गई
आतंकियों के साथ ऑपरेशन के बारे में बात करते हुए मेजर झाला ने नवभारत टाइम्स को बताया कि शुरू में मुठभेड़ के दौरान बेहद करीब से गोलियां गुजरती थी तो डर लगता था। कई बार जहां हम खड़े होते हैं, कुछ देर बाद वहां खड़े आतंकी को गोली लगती है, तब खुद को भाग्यशाली समझते थे। अब इतने ऑपरेशन कर लिए हैं कि इन सब की आदत हो गई है। घरवाले जरूर डरते हैं। जब उन्हें ऐसे किसी ऑपरेशन के बारे में पता चलता है।
5 घंटे चली मुठभेड़ में आतंकी को हैंड ग्रेनेड से उड़ाया
झाला ने एक घटना शेयर करते हुए बताया 19 अप्रैल 2021 को सुबह उन्हें इंटेलिजेंस से शोपियां जिले के जइपोरा गांव में हिजबुल के टॉप कमांडर सहित अन्य आतंकियों के छिपे होने का इनपुट मिला। मेजर ने तुरंत अपने 30 जवानों की टुकड़ी को ऑपरेशन की तैयारी के निर्देश दिए। आतंकी एक मकान में छिपे हुए थे। जहां एनकाउंटर में सिविलियन को भी खतरा था। झाला आतंकियों की सही लोकेशन का पता करते हुए उनके करीब पहुंचे और सरेंडर करने को कहा। आतंकी गोलियां चलाने लगे। आतंकियों ने दो तरफ से फायरिंग शुरू कर दी। करीब 3 घंटे क्रॉस फायर होता रहा।
हिजबुल टॉप कमांडर आमिर हुसैन को किया ढेर
सफलता नहीं मिलती देख झाला ने प्लान बी के तहत आतंकियों के और करीब जाने का निर्णय लिया। जवानों के कवर फायर के सहारे मेजर झाला दूसरी तरफ से हिजबुल टॉप कमांडर आमिर हुसैन के करीब पहुंचे। हैंड ग्रेनेड ब्लास्ट कर उसे ढेर कर दिया। दूसरे आतंकी सब्जार घनी की लोकेशन का पता चलते ही उसे मल्टीपल ग्रेनेड लॉन्चर से ढेर कर दिया।
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