महाराष्ट्र: राज ठाकरे के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट, क्या था 13 साल पुराना मामला जिसने बढ़ाई मुश्किल
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे के खिलाफ बीड जिले में मौजूद परली कोर्ट ने गैर जमानती वॉरंट जारी किया है। लगातार कई तारीखों पर अदालत में गैरहाजिर रहने की वजह से उनके खिलाफ नॉन बेलेबल वॉरंट जारी किया गया है। दरसअल साल 2008 में मनसे कार्यकर्ताओं ने राज्य ठाकरे के समर्थन में परली में मौजूद राज्य परिवहन महामंडल (एसटी) की बसों पर पत्थरबाजी की थी। इस मामले की सुनवाई अदालत में शुरू है।
इस मुकदमे की वजह से आज भी राज ठाकरे के सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। बीड के अंबाजोगाई में मनसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ एसटी बस में तोड़फोड़ करने का मुकदमा दर्ज किया गया था। उसके बाद से राज ठाकरे अदालत की सुनवाई के दौरान हाजिर नहीं हुए थे। हालांकि राज्य में सूखे के हालात का जायजा लेने के लिए वे अंबाजोगाई गए थे। उस दौरान उन्होंने अदालत में हाजिर होकर तीन सौ रुपये का दंड भी भरा था। तब अदालत ने उन्हें जमानत दी थी।
क्या था मामला
रेलवे में पर प्रांतीय युवाओं की भर्ती मामले पर राज ठाकरे को साल 2008 में गिरफ्तार किया गया था। इस गिरफ्तारी के विरोध में मनसे कार्यकर्ताओं ने राज्य में कई जगहों पर विरोध किया था। अंबाजोगाई में एसटी बस को भी निशाना बनाया गया था।
इस मामले में राज ठाकरे समेत कई कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में राज ठाकरे को जमानत मिलने के बाद वे अदलात में हाजिर नहीं हुए थे। इसी वजह से उनके खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया गया है।
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