बिहार: पटना-लालू यादव के पैर धोए, धरना दिया लेकिन दिल नहीं पसीजा, फिर साफ किया- तेज प्रताप यादव नहीं तेजस्वी हैं हमारे उत्तराधिकारी
तेज प्रताप को लेकर लालू यादव का दिल नहीं पसीजा। ना तो उनको चुनाव प्रचार में ले गए और ना ही कोई जिम्मेवारी दी। और तो और लालू यादव ने साफ-साफ बता दिया कि उनका उत्तराधिकारी तेज प्रताप नहीं, बल्कि तेजस्वी यादव हैं।
तेज प्रताप को लेकर नहीं पसीजा लालू का दिल!
जब राबड़ी आवास में तेज प्रताप की गाड़ी की एंट्री नहीं हो सकी तो वो बिलख कर रह गए। 24 अक्टूबर को साढ़े तीन साल बाद आरजेडी सुप्रीमो पटना आए थे। एयरपोर्ट पर भी गए। लालू यादव से मुलाकात हुई, मगर 10 सर्कुलर रोड वाले बंगले में नहीं जा सके। इसके बाद वो पिता से मिलने के लिए धरने पर बैठ गए। लालू यादव तक खबर पहुंची तो देर रात बेटे के बंगले पर पहुंचे। तेज प्रताप ने कार में बैठे लालू यादव का पैर पखारा, फिर आशीर्वाद लिया। अगले दिन पिता ने मोबाइल पर तेज प्रताप को जेपी आंदोलन का वीडियो दिखाया। साथ में मां राबड़ी देवी भी थीं। तीनों ने मिलकर फोटो भी खिंचवाई। मगर तेज प्रताप को उपचुनाव में प्रचार करने के लिए लालू यादव नहीं ले गए। जिसके बाद तेज प्रताप ने आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की तुलना कंस से कर डाली।
लालू यादव के उत्तराधिकारी होंगे तेजस्वी
सियासी विरासत को लेकर आरजेडी सुप्रीमो को कोई कन्फ्यूजन नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव ही उत्तराधिकारी हैं। सभी लोगों ने उन्हें स्वीकार किया है। तेज प्रताप की रोल को लेकर उन्होंने कुछ भी साफ-साफ नहीं कहा। मगर लालू यादव के मौजूदा रूख से साफ है कि वो जगदानंद सिंह को लेकर फिलहाल तेज प्रताप की बातों को माननेवाले नहीं हैं। दरअसल तेज प्रताप पार्टी में दखल चाहते हैं। जगदानंद सिंह इसे मानने को तैयार नहीं है। उधर, तेज प्रताप के छोटे बेटे और लालू यादव के उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव पहले ही साफ कर चुके हैं कि आखिरी फैसला पार्टी अध्यक्ष का होगा। मतलब तेज प्रताप को फिलहाल कुछ भी हासिल नहीं हुआ।
बीजेपी वाले झगड़ा लगाते रहते हैं- लालू
दोनों बेटों में विवाद को लेकर लालू यादव ने कह दिया कि बीजेपी वाले झगड़ा लगाते रहते हैं। जबकि तेज प्रताप अपने बयानों में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को बीजेपी और आरएसएस का एजेंट बताते रहते हैं। तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के सवाल पर लालू यादव ने कहा कि इस तरह की बात करके बाप-बेटे में विवाद लाना चाहते हैं। बदमाशी करते हैं ये लोग, हम राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। जब हम राजनीति से अलग होंगे तो ये लोग बनेंगे और कौन बनेगा? तेजस्वी-तेज प्रताप के बीच रिश्तों पर लालू यादव ने कहा कि दोनों हमारे बेटे हैं। भाई-भाई हैं। हालांकि, तेजप्रताप के साथ बीजेपी के लोग रहते हैं तो गुमराह कर देते हैं। दोनों भाई साथ हैं, परिवार एक साथ हैं।
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