उत्तर प्रदेश: दिल्ली से अयोध्या के बीच बुलेट ट्रेन, जल्द ही पूरा होगा सपना
जल्द ही दिल्ली से वाराणसी के बीच बुलेट स्पीड ट्रेन की यात्रा करने के लिए तैयार रहें। यह ट्रेन अयोध्या होकर वाराणसी पहुंचेगी। दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल (डीवीएचएसआर) परियोजना तैयार होने के बाद दोनों शहरों के बीच की यात्रा 11-12 घंटे से घटकर 3 घंटे हो जाएगी।
865 किलोमीटर की प्रस्तावित हाई स्पीड रेल, जिसे आमतौर पर बुलेट ट्रेन के रूप में जाना जाता है, लखनऊ, अयोध्या, मथुरा, इटावा, कन्नौज और प्रयागराज सहित 12 स्टेशनों के जरिए दिल्ली को वाराणसी से जोड़ेगी। परियोजना की फिजबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, लोग 1 घंटे 38 मिनट में दिल्ली से लखनऊ पहुंच जाएंगे।
अभी 10 घंटे का लगता है समय
राष्ट्रीय राजधानी को उत्तर प्रदेश के कई धार्मिक शहरों से जोड़ने के अलावा, इस परियोजना से प्रस्तावित रेल मार्ग पर रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है। इस परियोजना से उन भक्तों को भी लाभ होगा जो दिल्ली से लगभग 690 किलोमीटर दूर अयोध्या तक ट्रेन की यात्रा करते हैं। उन्हें इस यात्रा में 10 घंटे से ज्यादा का समय लगता है।
बुलेट ट्रेन की खासियत
ट्रेन की अधिकतम गति 350 किमी प्रति घंटे और संचालन की गति 300 किमी प्रति घंटे होगी। 750 की यात्री क्षमता के साथ, यह ट्रेन तत्काल भूकंप का पता लगा सकेगी। इसमें अलार्म के साथ ऑटोमैटिक ब्रेक का सिस्टम भी होगा।
प्रधान मंत्री की गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के अनुसार, परियोजना को पूरे मार्ग में नैशनल मल्टी-मोडल परिवहन कनेक्टिविटी के साथ एकीकृत किया जाएगा। उदाहरण के लिए, दिल्ली में, मेट्रो स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों और अंतर-राज्यीय बस टर्मिनस (ISBT) के साथ फुट ओवरब्रिज (एफओबी) के माध्यम से स्टेशन पार्किंग सुविधाओं का प्रस्ताव है। नोएडा में भी इसी तरह के एकीकरण का प्रस्ताव है।
नोएडा में हो रहा यह काम
नोएडा में निर्माणाधीन जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर, जेवर एचएसआर स्टेशन को हवाई अड्डे के करीब स्थापित किया जाएगा। मेट्रो और हवाई अड्डे के टर्मिनल भवनों के लिए समर्पित यात्री वॉकवे कनेक्शन और भूमिगत सड़कों के माध्यम से इसका एकीकरण प्रस्तावित है।
लखनऊ में एचएसआर स्टेशन
लखनऊ में, सिंगारनगर मेट्रो स्टेशन से लगभग 0.5 किमी दूर मौजूदा वीआईपी रोड पर एचएसआर स्टेशन की योजना है। इसके साथ एक फुट ओवरब्रिज कनेक्शन प्रस्तावित है। लखनऊ रेलवे स्टेशन लगभग 5 किमी दूर होगा और लखनऊ हवाई अड्डे की दूरी लगभग 4.5 किमी होगी।
लखनऊ-अयोध्या स्पर लाइन एक्सटेंशन अलाइमेंट भी मौजूदा रेलवे लाइन के समानांतर प्रस्तावित है। अयोध्या हाई-स्पीड रेलवे स्टेशन अयोध्या हवाई अड्डे से लगभग 2.5 किमी और मौजूदा अयोध्या रेलवे स्टेशन से 10.5 किमी दूर होगा।
मथुरा में भी होगा बदलाव
मथुरा और वृंदावन को जोड़ने के लिए नई सड़कों का निर्माण, समर्पित बस सुविधा और पार्किंग का प्रस्ताव है। आगरा में, पार्किंग के साथ एचएसआर स्टेशन तक आगरा मेट्रो का विस्तार और एक समर्पित बस सुविधा एक पूर्ण एकीकरण की ओर ले जाएगी। इटावा में, यमुना एक्सप्रेसवे के साथ एक नए इटावा एचएसआर स्टेशन की योजना बनाई गई है।
चल रहा सर्वे
डीवीएचएसआर कॉरिडोर के लिए लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग सर्वे कुछ महीने पहले शुरू हुआ था। LiDAR तकनीक 3-4 महीनों में सभी जमीनी विवरण और डेटा प्रदान करती है। जहां इस प्रक्रिया में सामान्य रूप से 10-12 महीने लगते हैं। यह तकनीक सटीक सर्वेक्षण डेटा देने के लिए लेजर डेटा, जीपीएस डेटा, उड़ान मापदंडों और वास्तविक तस्वीरों के संयोजन का उपयोग करती है। रिपोर्ट में मिट्टी, इलाके, नदियों, नालों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी सहित पूरे मार्ग का सर्वेक्षण शामिल है। रूट का अलाइंमेंट मौजूदा यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, आगामी गंगा एक्सप्रेसवे और प्रयागराज और वाराणसी के बीच मौजूदा उत्तर पूर्व रेलवे के साथ प्लान किया गया है।
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