उत्तर प्रदेश: आगरा-ताजमहल में राधा-कृष्ण के स्वरूपों को नहीं दी एंट्री, हिंदूवादी संगठन ने ASI पर लगाए आरोप
ताजमहल में हिंदू धर्म का प्रचार करने पहुंचे हिंदूवादी संगठन के एक दर्जन से अधिक राधा-कृष्ण स्वरूपों को पुलिस ने रोक लिया। प्रदर्शनकारियों ने एएसआई के सुरक्षाकर्मियों पर आरोप लगाए कि दूसरे धर्म के प्रचार के लिए उन्हें प्रमोट किया जाता है, जबकि हमारे देश में हमारे हिंदू धर्म का प्रचार होने से रोका जाता है। राष्ट्र हिंदू परिषद (भारत) के गोविंद पाराशर ने एएसआई कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की है। इधर ताजगंज थाना प्रभारी उदयवीर मलिक का कहना है कि ताजमहल में धार्मिक आयोजनों पर रोक है.
गुरुवार दोपहर करीब दो बजे एक दर्जन से अधिक राधा-कृष्णा के स्वरूप धारण किए लोग नारेबाजी करते हुए ताजमहल के पूर्वी गेट तक पहुंच गए। पुलिस को जानकारी हुई तो उन्हें रोक लिया गया। राष्ट्र हिंदू परिषद के अध्यक्ष गोविंद पाराशर का कहना है कि ताजमहल में एएसआई कर्मचारियों की हठधर्मिता चलती है। मंगलवार को एक कर्मचारी के रिटायरमेंट का आयोजन ताजमहल के भीतर किया गया और तमाम फूलमालाएं ताजमहल में ले जाई गईं। आयोजनों पर रोक है तो इन पर कार्रवाई क्यों नहीं होती है, जबकि उन्होंने ताजमहल में प्रवेश के लिए बकायदा टिकट भी खरीदा है।
प्रिंस टूसी को क्यों नहीं रोका जाता
राष्ट्र हिंदू परिषद के अध्यक्ष गोविंद पाराशर का कहना है कि जब शाहजहां का उर्स होता है तो हैदराबाद के प्रिंस टूसी अपने लाव लश्कर के साथ ताजमहल में प्रवेश करता है। वह अपनी पारंपरिक वेशभूषा में होता है और अपने आप को मुगलों का वंशज बताता है। जब वह अपने धर्म का प्रचार करता है तो उसे क्यों नहीं रोका जाता है?
30 अगस्त को स्वरूपों में आए थे दो पर्यटक
इससे पूर्व 30 अगस्त को बनारस के दो पर्यटक राधा-कृष्ण के स्वरूप में ताजमहल का दीदार करने पहुंचे थे। एएसआई कर्मियों ने उन्हें प्रवेश करने से रोक दिया था। हिंदूवादी संगठनों ने इसका पुर जोर विरोध किया था.
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