उत्तर प्रदेश: कानपुर-CM योगी बोले- आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के भविष्य का होता है निर्माण, 75 केंद्रों को लिया गोद
आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को हुनरमंद बनाने के लिए प्रदेश सरकार सकरात्मक कदम उठा रही है। सीएसजेएमयू और एकेटीयू से संबंद्ध कॉलेजों ने 75 आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लिया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए किताबें, कुर्सी, एजुकेशनल खिलौने दिए। आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेने वाले संस्थानों की जमकर सराहना की।
बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल छत्रपतिसाहू जी महाराज विश्वविद्यालय ऑडिटोरियम पहुंची। आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेने वाले संस्थानों को प्रशस्ति पत्र दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़ी बहनों का बहुत अभिनंदन करता हूं। इन्होंने कोरोना काल निगरानी समिति के माध्यम से अच्छा काम किया है। दुनिया के अंदर भारत ने मृत्यु दर और पॉजिटिव रेट को नियंत्रित करने में बड़ी सफलता प्राप्त की है। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक मौजूद रहे।
कोरोना में आशा और आंगनबाड़ी बहनों ने सराहनीय कार्य किया
योगी ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में प्रदेश ने अच्छा प्रयास किया। दूसरी लहर में स्थिति अनियंत्रित सी दिख रही थी। मुझे फील्ड पर उतरना पड़ा था। मैंने जिलों का दौरा किया, फिर मुझे पता चला कि गांव में संक्रमण फैल रहा है। मैंने इसके बाद गांव का रुख किया। कोई दिखे या न दिखे, लेकिन मुझे आशा और आगनबाड़ी बहनें जरूर मिलती थीं।
गांव और कस्बों में जा रही हैं बहनें
आशा और आंगनबाड़ी बहनें कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए घर-घर जाकर स्क्रीनिंग करने का काम कर रही हैं। बच्चों को चार श्रेणी में दवाएं उपलब्ध कराने का भी कार्य कर रही हैं। जिसमें जीरो से एक वर्ष, एक वर्ष से पांच वर्ष, पांच वर्ष से 12 वर्ष और 12 से 18 वर्ष के बच्चों को दवा वितरित करने के लिए गांव और कस्बों में जा रही हैं।
खुद का आंगनबाड़ी केंद्र होगा
आगंनबाड़ी में तीन से पांच साल के बच्चे आते हैं। यह वो समय है, जहां से हम उसे जैसी दिशा देना चाहेंगे, उसका आगे का जीवन उसी रूप में बढ़ता दिखेगा। सरकार ने व्यवस्था की है कि हमारे पास आगनबाड़ी केंद्र अच्छा हो। आंगनबाड़ी केंद्रों को हमने नया स्वरूप दिया। हमारे पास बड़ी संख्या में ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र थे, जो किराये के भवन में चल रहे थे। सरकार ने निर्णय लिया कि किराये का नहीं, बल्कि स्वयं का भवन होना चाहिए। भवन सुरक्षित स्थान पर होना चाहिए, बच्चे आसानी से वहां पहुंच सकें।
खेल-खेल में ज्ञानवर्धक चीजें सीखेंगे
योगी ने कहा कि आगंनबाड़ी केंद्रों को सुविधाजनक बनाने के लिए और खेल-खेल में ज्ञानवर्धक चीजें भी बता सकेंगे। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एकेटीयू के साथ मिलकर आंगनबाड़ी केंद्रों के सुंदरीकरण करने का प्रयास किया गया। छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय के साथ मिलकर इस कार्यक्रम को एक साथ जोड़कर आगे बढ़ाने का जो कार्य हो रहा है, मैं प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों का अभिनंदन करूंगा, जो इस विश्वविद्यालय से संबंद्ध हैं, जिन्होने स्वतंत्रभाव के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेकर के सुविधा संपन्न बनाने का कार्य किया है।
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