उत्तर प्रदेश: नोएडा में कमिश्नरेट सिस्टम के डेढ़ साल बाद भी नहीं लगे CCTV कैमरे, वारदात पर नहीं लग रही ब्रेक
ग्रेटर नोएडा में बढ़ रहे आपराधिक वारदातों को रोकने और लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने की अथॉरिटी और पुलिस की योजना ठंडे बस्ते में चली गई है। पुलिस आयुक्त के कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के डेढ़ साल बाद सीसीटीवी लगाने के दावे फेल साबित हो रहे हैं। शहर में हर रोज वारदातें हो रही हैं और आरोपी बीच चौराहे सार्वजनिक जगहों पर दिनदहाड़े वारदातों को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं।
बिना सीसीटीवी कैमरों की वजह से आरोपितों तक पहुंचने में पुलिस को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। गौतमबुद्ध नगर में जनवरी 2020 से कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद शहर में जल्द सीसीटीवी कैमरे लगवाने के दवा किए थे, लेकिन आज तक सीसीटीवी कैमरे नहीं लग पाए हैं। जिसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। अगर सीसीटीवी कैमरे लगे हों तो आरोपी कैमरे में कैद होकर तुरंत ही पुलिस गिरफ्त में जाएं।
सभी थानों से मांगें गए थे प्रपोजल
ग्रेटर नोएडा व नोएडा के सभी थाना इंचार्ज से अपने इलाके की संदिग्ध जगहों को चिह्नित कर सूची मांगी गई थी। इस पर पुलिस विभाग ने शहर में सैकड़ों जगह सीसीटीवी लगाने के लिए जगह चिह्नित किया था, जिसका प्रपोजल बनाकर भेजा गया था।
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