मध्य प्रदेश: जबलपुर-बरगी डैम के खुलेंगे गेट, निचले इलाकों में बढ़ा बाढ़ का खतरा
मध्यप्रदेश में हो रही बारिश के चलते प्रदेश के कई जिलों में जल प्रलय और बाढ़ (Flood In Bargi Dam) की स्थिति बनी हुई है। लगातार हो रही बारिश के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। प्रदेश में हो रही बारिश के चलते नदी, नाले उफान पर हैं और जलाशयों का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। जबलपुर में स्तिथि रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना (बरगी बांध) में जल संग्रहण वाले क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के चलते बांध के गेटों को खोलने का निर्णय लिया गया है।
परियोजना प्रबंधन ने बरगी बांध के जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए 29 जुलाई को बांध के गेटों से डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्णय लिया है। बरगी डैम बाया मेसनरी बांध संभाग के कार्यपालन यंत्री अजय सूरे ने बताया कि बांध के जल संग्रहण वाले क्षेत्रो में पिछले कुछ दिनों में 125 मिलीमीटर वर्षा रेकॉर्ड की गई है। लगातार बारिश की वजह से बांध का जलस्तर दो मीटर से बढ़कर 415.80 मीटर तक पहुंच गया है। बांध में इस वक्त 750 घनमीटर प्रति सेकंड के हिसाब से पानी प्रवेश कर रहा है। बांध के ऑपरेशन मैन्युअल के हिसाब से 31 जुलाई तक बांध का जलस्तर 417.50 मीटर और 15 अगस्त तक 421 मीटर रखा जाना निर्धारित है।
कार्यपालन यंत्री ने कहा कि अगर बांध में पानी आवक इसी तरह बनी रही तो 29 जुलाई की दोपहर तक या इसके पहले बांध का जलस्तर 417.50 मीटर हो जाएगा और बांध के गेटों को खोला जाएगा। बांध के गेटों को खोलने के बाद गेटों से एक से डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। बांध से पानी छोड़े जाने के बाद नर्मदा नदी के निचले क्षेत्रों के घाटों पर पानी का जल स्तर छह से आठ फुट तक बढ़ सकता है।
बरगी बांध प्रबंधन ने बांध से पानी छोड़े जाने पर नर्मदा के निचले क्षेत्रों के रहवासियों को सतर्क रहने को कहा है। नर्मदा के तटीय क्षेत्रों और घाटों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की है।
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