उत्तर प्रदेश: मथुरा-सौन्दर्यीकरण के नाम पर यमुना किनारे कराया अवैध घाट निर्माण, नगर निगम ने यमुना मिशन संस्था को जारी किया नोटिस
उत्तर प्रदेश के मथुरा में यमुना किनारे सौंदर्यीकरण के नाम पर बिना परमिशन के पक्के घाट बना दिए गए हैं। घाटों का अवैध निर्माण अब भी जारी है। यहां पर पर्यावरण और भूगर्भीय जल को नुकसान पंहुचाने के साथ ही एनजीटी के नियमों की धज्जियां खुलेआम उड़ाई जा रही हैं। सिंचाई विभाग व नगर निगम को खुलेआम ठेंगा दिखा कर यमुना मिशन नाम की संस्था निगम को खुली चुनौती दे रही है। वहीं घाट पर लगे अवैध समर्सिबल पंप को बिजली विभाग की विजलेंस टीम ने पकड़ा और आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। बिजली विभाग की विजलेंस टीम ने एफआईआर में किया बड़ा खेल कर दिया। जिस जगह छापेमारी की गई उस एड्रेस को मथुरा की जगह अलीगढ़ का एड्रेस लिख दिया गया।
नगर निगम ने यमुना मिशन संस्था को जारी किया नोटिस
विगत कई वर्षों से मथुरा-वृन्दावन के यमुना किनारे अवैध कब्जे व पक्के निर्माण की लगातार मिल रहीं शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए विगत माह 2 जून 2021 को नगर निगम के अधिशाषी अभियंता प्रथम ने गऊ घाट किनारे पर सघनता से स्थलीय परीक्षण किया गया। परीक्षण के उपरांत अवैध पक्के घाट और पार्क का निर्माण पाया गया था, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर सहायक नगर आयुक्त द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस दिनांक 3 जून 2021 को यमुना मिशन नाम की संस्था को भेजा गया। जिसमें स्पष्ट तौर पर उल्लेख है कि नियमों की अनदेखी के तहत यमुना मिशन द्वारा नगर निगम मथुरा की जमीन पर अवैध रूप से पक्के घाट का निर्माण कराया गया है। तथा घाट के आसपास अवैध रूप से पक्का निर्माण कर एक पार्क का भी रूप दिया गया है।
बिना अनुमति अवैध पक्का निर्माण
घाट पर अवैध निर्माण कार्य के बारे में नगरायुक्त अनुनय झा से जब बात की तो उन्होंने बताया कि निगम ने नोटिस में यह भी स्पष्ट उल्लेख किया है कि यमुना मिशन द्वारा किये गये पक्के घाट निर्माण से सिंचाई विभाग मथुरा व मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण के नियमों का जमकर उल्लंघन हुआ है। नगर निगम मथुरा की भूमि पर बिना अनुमति अवैध रूप से पक्का निर्माण कर लिया गया है, तथा स्पष्ट निर्देशित किया है कि नोटिस प्राप्त होने के 3 दिन के अंदर अवैध निर्माण हटाना जाए। नोटिस के बाद अगर कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जाती है तो उस स्थिति में यमुना मिशन संस्था के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।
कार्रवाई न होने पर सवालिया निशान
नोटिस मिलने के बाद भी यमुना मिशन नामक संस्था द्वारा नगर निगम को न तो कोई जबाब दिया गया है और न ही अवैध पक्के घाट को हटाया गया है। नगर निगम व सिंचाई विभाग द्वारा इस संदर्भ में कोई भी कार्रवाई न किया जाना भी निगम और सिंचाई विभाग की कार्य प्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा कर रहा है। वहीं एसडीओ मसानी गौरव गुप्ता से यमुना मिशन संस्था द्वारा की गई बिजली चोरी और विजलेंस टीम के द्वारा मुक़दमा दर्ज न कराने को लेकर फ़ोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि गलती से मथुरा की जगह अलीगढ़ का एड्रेस डल गया था। एसडीओ साहब से जब ये सवाल किया कि अभी तक मुक़दमा दर्ज क्यों नहीं हुआ है तो कोई संतोष जनक जबाब नहीं दे पाए।
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