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Saturday, July 17, 2021

उत्तर प्रदेश: अयोध्या-2023 के अंत तक भव्य मंदिर में विराजमान होंगे राम लला... दर्शन भी कर सकेंगे श्रद्धालु

उत्तर प्रदेश: अयोध्या-2023 के अंत तक भव्य मंदिर में विराजमान होंगे राम लला... दर्शन भी कर सकेंगे श्रद्धालु 

राम मंदिर का निर्माण कार्य इस समय युद्ध स्तर पर चल रहा है। 2023 के अंत तक राम लला भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे और श्रद्धालु दर्शन भी सकेंगे। वहीं, पूरे 70 एकड़ का विकास कार्य 2025 तक कर लिया जाएगा। इसका मास्टर प्लान भी तैयार कर लिया गया है। गुरुवार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक संपन्न हो गई। जिसमें राम मंदिर निर्माण की समीक्षा की गई।

बारिश का पानी सोखने के लिए ग्रेनाइट पत्थर लगाया जाएगा
श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, मंदिर की प्लिंथ (स्तंभ के नीचे का हिस्सा) के लिए मिर्जापुर के पत्थर का उपयोग किया जाएगा। मिर्जापुर पत्थर के लिए आर्डर भी दे दिया गया है। पहला जत्था परिसर में पहुंच भी चुका है। प्लिंथ के वाटर प्रूफिंग के लिए प्लिंथ के चारों ओर ग्रेनाइट पत्थर की तीन लेयर लगाई जाएगी। ग्रेनाइट पत्थर बारिश के पानी को सोखने में मददगार सिद्ध होता है।

परकोटा के लिए जोधपुर के पत्थर का होगा उपयोग
राम मंदिर के परकोटा (चहारदीवारी) के लिए जोधपुर पत्थर का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है। जिसके लिए राजस्थान सरकार से संपर्क किया जा रहा है। मंदिर निर्माण में उपयोग होने वाले बंसी पहाड़पुर पत्थर के संबंध में राजस्थान सरकार से भारत सरकार लगातार संपर्क में है। राज्य और केंद्र सरकार इस मामले में सहयोग कर रहे हैं। जल्द ही पत्थर की खरीद शुरू होने की संभावना है।

ये सुविधाएं होंगी
चंपत राय ने बताया कि परकोटा के बाहर संपूर्ण परिसर के लिए प्रारंभिक मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इसमें तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र, संग्रहालय, अभिलेखागार, अनुसंधान केंद्र, सभागार, गोशाला, यज्ञशाला, प्रशासनिक भवन आदि शामिल है। स्थानीय अयोध्या नगरी के संतों एवं साधुओं के सुझाव भी मास्टर प्लान में शामिल होंगे। उनकी आवश्यकताओं को शामिल करने के लिए मास्टर प्लान पर चर्चा की जा रही है।

समय-समय पर हो रही है बैठक
बता दें कि राम मंदिर निर्माण की प्रगति की जांच के लिए साप्ताहिक एवं मासिक बैठक की जा रही है। इसी कड़ी में समीक्षा बैठक 14-15 जुलाई को संपन्न हुई है। बैठक में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज, सदस्य वीरेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, डॉ. अनिल मिश्र, एलएंडटी, टीसीआई सहित सहित अन्य तकनीकी विशेषज्ञ मौजूद रहे.
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