भारत-नेपाल : जोगबनी -कोरोना से जंग - योग, आयुर्वेद और यज्ञ के संग, जोगबनी में निकला रोग निवारण यज्ञ यात्रा
कोरोना के खिलाफ जंग में इम्युनिटी बढाने के लिए योग और आयुर्वेद का इस्तेमाल जमकर हो रहा है। दूसरी ओर ऐलोपैथिक चिकित्सा पद्धति से भी कोरोना को मात दिए जाने का सिलसिला लगातार जारी है। इन सबके बीच बाबा रामदेव के ऐलोपैथ और आयुर्वेद को लेकर दिये बयान से दो धड़ा भी बना, बावजूद दोनों चिकित्सा पद्धति का शहरी और ग्रामीण इलाके के लोग जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी बीच योग, आयुर्वेद के बाद वातावरण को शुद्ध करने और कोरोना वायरस को मात देने के लिए घर - घर यज्ञ, हर घर यज्ञ की भी शुरुआत हो गयी है।
जोगबनी में रोग निवारण यज्ञ के लिए निकला यात्रा
भारत - नेपाल सीमा स्थित जोगबनी शहर में कोरोना सहित अन्य बीमारियों से रोग मुक्त बनाने के लिए रोग निवारण यज्ञ यात्रा निकाला गया। जोगबनी भारत - नेपाल सीमा से नेताजी चौक हनुमान मंदिर तक यज्ञ यात्रा निकाला गया। जिसमे पतंजलि योग समिति भारत स्वाभिमान आर्य समाज के प्रतिनिधि समेत जोगबनी के धर्म प्रेमियों ने भाग लिया। यात्रा के क्रम में आयोजक की ओर से ठेलागाड़ी पर अग्निकुंड वाले पात्र में शहर के दुकानदारों ने सहयोग के रूप में यज्ञ कुंड में लगने वाले कपूर, लौंग, गूगल, गाय का घी दान स्वरूप भेंट दिया। हवन के माध्यम से वातावरण को शुद्ध करना और कोरोना सहित अन्य बीमारियों के वायरस को समाप्त करना था।
यात्रा में शामिल लोगों ने हर घर मे यज्ञ आयोजन का किया आह्वान
मौके पर पतंजलि योगपीठ के प्रशिक्षित योगाचार्य जितेंद्र पूर्वे ने बताया कि यज्ञ के हवन के लिए धर्मों में वर्णित वैसे प्राकृतिक सामानों का इस्तेमाल किया गया है,जिनसे वायुमंडल का वातावरण शुद्ध होता है और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता। उन्होंने हवन सामग्री के रूप में सूखे पीपल, नीम, बरगद, आक, छुईमुई, सुखी तुलसी, शीशम, गुल्लर, अर्जुन का छाल, जामुन और आम की लकड़ियों का इस्तेमाल किया गया है।
घरों में भी हवन करने का किया आह्वान
आर्य समाज के जिला संयोजक प्रमोद आर्य ने सनातन धर्मावलंबियों के लिए घर-घर यज्ञ,हर घर यज्ञ का नारा दिया। समाज सेवक राजेश पूर्वे ने यज्ञ में आहुति देकर अग्निदेव से कामना की कि समाज में कोरोना का वायरस जल्द से जल्द समाप्त हो। उन्होंने लोगों से कोरोना को लेकर प्रशासन की ओर से दिए जाने वाले गाइडलाइन को मानने की अपील लोगों से की।
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