बस्ती। वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक एवं रिसर्च सोसायटी ऑफ होम्योपैथी के जिलाध्यक्ष डा. वी.के. वर्मा ने आयुष मंत्रालय द्वारा होम्योपैथिक चिकित्सकांे को लक्षणविहीन व हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों को देखने की अनुमति दिये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त किया है। डा. वर्मा ने कहा कि प्रयोग में भी सिद्ध हुआ है कि कोरोना मरीजों के लिये आरसेनिकम एलबम 30 सफल साबित हुई है। यही नहीं इसके प्रयोग से अनेक लोग कोरोना संक्रमित होने से बच गये।
डा. वर्मा ने बताया कि कोविड-19 के मरीजों के इलाज हेतु आयुष मंत्रालय ने होम्योपैथिक चिकित्सकों को भी मरीजों को देखने की अनुमति दे दी है। मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक इन चिकित्सकों को लक्षणविहीन और शुरुआती लक्षण वाले मरीजों को देखना है। आगे की स्टेज वाले मरीजों को उच्चस्तरीय अस्पतालों में रेफर कर देना होगा। निर्देशों में कहा गया है कि जो मरीज होम आईसोलेशन में रहकर इलाज कर रहे हैं, उन्हें होम्योपैथिक चिकित्सक देख सकते हैं। उन्हें मरीजों को कोरोना का पूरा प्रोटोकाल फालो कराना होगा जैसे दो गज की दूरी लागू कराना, मास्क पहनवाना, हाथ लगातार धुलवाने की सलाह देना।
इसी प्रकार हल्के लक्षण वाले मरीजों को एकोनिटम नेपोलस, आरसेनिकम एलबम, बेलाडोना, बरयोनिया एलबा, इयूपाटोरियम परफोलियटम, फेरम फास्फोरिकम, गलसेमियम, फास्फोरस, रस टाक्सिकोडेंड्रम दवाएं चलेंगी। दवा की खुराक डाक्टर मरीज की हालत को देखकर तय करेगा। इसके अलावा किसी कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वाले लक्षणविहीन व्यक्ति को आरसेनिकम एलबम 30 सी की चार गोली दिन में एक बार सात दिन तक देना होगा।
आयुष मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक होम्योपैथिक डाक्टर को मरीज के लक्षणों पर लगातार नजर रखनी होगी। मरीज का बुखार और आक्सीजन स्तर को दिन में दो बार जांचना होगा। उसे घर से निकलने और घर में भी सामाजिक दूरी बनाने की हिदायत देनी होगी।
डाक्टर वर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी नियंत्रण में डाक्टर की सलाह से गाँव और शहरों में होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग बड़े स्तर पर किए जाने की जरूरत है। इस पैथी की दवाओं की कीमत भी एलोपैथी से कम होती है और इनका दुष्प्रभाव भी नहीं होता है। कहा कि इस निर्णय से मरीजों को विशेष लाभ होगा।
#VSKNEWS
No comments:
Post a Comment