अलीगढ़ में एक अनुबंधित दुकान से खरीदी गई कथित नकली शराब पीने से 11 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से बीमार हैं। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने जिला आबकारी अधिकारी समेत तीन लोगों को निलंबित कर दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी द्वारा गठित 6 टीमों ने तगड़ी कार्रवाई की है। तथाकथित ठेके के सेल्समैन ,संचालक, पर्यवेक्षक समेत ठेका मालिक चारों को तत्परता से कुछ ही घंटों में हिरासत में लिया गया। हिरासत में लिए गए सभी से पुलिस पूछताछ कर रही है। गैंगस्टर अधिनियम एवं रासुका की तैयारी शुरू कर दी गई है।
अलीगढ़ के जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने पत्रकारों को बताया कि जिले में जहरीली शराब के सेवन से 11 लोगों की मौत हो गई है और कुछ अन्य बीमार हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि घटना की समयबद्ध मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दे दिया गया है और यह जांच अपर जिलाधिकारी स्तर के एक अधिकारी द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाये जाने वाले लोगों के खिलाफ प्रशासन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा सकता है।
आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव, संजय भूसरेड्डी ने शुक्रवार को बताया कि अलीगढ़ के जिला आबकारी अधिकारी धीरज शर्मा, संबंधित क्षेत्र के आबकारी निरीक्षक राजेश कुमार यादव और प्रधान आबकारी सिपाही अशोक कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की जाती है।
इसके पहले अलीगढ़ परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) दीपक कुमार ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि आज सुबह लोधा थाना पुलिस को सूचना मिली कि अलीगढ़-टप्पल राजमार्ग पर यहां से करीब 20 किलोमीटर दूर करसिया गांव में एक ठेके से खरीदी गई देसी शराब पीने से दो लोगों की मौत हो गई, जिनकी पहचान ट्रक चालकों के तौर पर हुई है। उन्होंने बताया कि दोनों चालक अलीगढ-टप्प्पल राजकीय राजमार्ग पर स्थित एक गैस डिपो में काम के सिलसिले में आये थे। उनके मुताबिक जब तक पुलिस और जिले के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे तब तक सूचना मिली कि करसिया और आसपास के कुछ अन्य गांवों के छह अन्य लोगों ने भी शराब पीने के बाद दम तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस टीमों को इलाके में भेजा गया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
आबकारी विभाग के उपायुक्त डी शर्मा ने बताया कि गंभीर हालत में पांच ग्रामीणों को दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि संबंधित शराब की दुकान को सील कर दिया गया है और परीक्षण के लिए नमूने एकत्र किये गये हैं। स्थानीय निवासियों के अनुसार बृहस्पतिवार की शाम कुछ ग्रामीणों के बीमार होने की जानकारी मिली। ग्रामीणों को आशंका है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि आसपास के गांवों के कई लोगों ने भी शराब का सेवन किया था और उनके बारे में जानकारी अभी स्पष्ट नहीं है।
अलीगढ़ को टप्पल से जोड़ने वाले राजकीय हाईवे पर स्थित अंडला समेत करसिया गांव और आसपास के कई गांवों में इस घटना को लेकर दुख का माहौल है। जैसे ही जिले के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे, रोती-बिलखती विधवाओं और परिवार के सदस्यों का उन्हें सामना करना पड़ा। क्षेत्र के सबसे बड़े गांव अंडला के प्रधान ओम दत्त ने कहा कि मृतकों और अस्पताल में भर्ती लोगों के अलावा कल दोपहर से जहरीली शराब पीने के बाद बीमार होने वालों की संख्या अब भी बड़ी है। उन्होंने कहा कि बचाव दल पड़ोसी गांवों का दौरा कर रहे थे और जब तक आगे की सूचना नहीं मिलती है, तब तक प्रभावित व्यक्तियों के अंतिम आंकड़ों को उद्धृत करना संभव नहीं होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि व्यापक रूप से ऐसी खबरें थीं कि मौतें "नकली शराब" से जुड़े एक संगठित गिरोह के कारण हुईं। उन्होंने इस पूरे मामले की पूरी जांच की मांग की।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने अलीगढ़ के लोधा थाना क्षेत्र के करसिया, निमाना, हैवतपुर और अंडला गांवों में जहरीली शराब के सेवन से हुई 11 लोगों की मौत के बाद योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार बताये कि उसके कार्यकाल में जहरीली शराब का अवैध कारोबार किसके संरक्षण में चल रहा है और जहरीली शराब पीने से हुई मौतों का कौन जिम्मेदार है? लगातार मौतें हो रही हैं, आखिर किन लोगों के दबाव में शराब के अवैध कारोबारियों पर कार्यवाही नहीं हो रही है?”
शुक्रवार को लखनऊ में जारी एक बयान में लल्लू ने नैतिकता के आधार पर राज्य सरकार के आबकारी मंत्री से त्यागपत्र की मांग करते हुए आरोप लगाया कि कोरोना महामारी में आम जनता अव्यवस्था और इलाज, दवाई के अभाव में जहां अपनी जान गंवा रहे हैं वहीं भारतीय जनता पार्टी की सरकार आपदा में विभिन्न प्रकार के अवसर तलाश रही है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार के नक्शेकदम पर चलते हुए अपराधी भी आपदा में अवसर तलाश कर अवैध जहरीली शराब का खुलेआम धंधा कर रहे हैं और सरकार में बैठे लोग आंख मूंदे हुए है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने इसके पूर्व आजमगढ़, अम्बेडकरनगर में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों का उदाहरण देते हुए कहा कि अलीगढ़ में हुई मौतें बहुत ही दुःखद हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार द्वारा जहरीली शराब के कारोबारियों के विरुद्ध कार्यवाही न करना यह साबित करता है कि कहीं न कहीं जहरीली शराब का कारोबार करने वाले लोगों को सरकार का संरक्षण मिला हुआ है।
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