पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने विपक्ष के 15 नेताओं को तीन पन्नों की एक चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने कहा है कि बीजेपी देश भर में एक पक्षीय सत्तावादी शासन स्थापित करना चाहती है.
उनका कहना है कि लोकतंत्र और संविधान पर बीजेपी के कथित हमले के ख़िलाफ़ एकजुट और प्रभावी संघर्ष का समय आ गया है.
28 मार्च को लिखी गयी ये चिट्ठी कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, वाईएसआर कांग्रेस के जगन रेड्डी, नेशनल कांफ्रेंस के फ़ारूक़ अब्दुल्लाह, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती को भेजी गयी.
बंगाल में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के शुरू होने से ठीक पहले भेजी गयी इस चिट्ठी में ममता बनर्जी ने कहा, "बीजेपी ग़ैर-बीजेपी पार्टियों के लिए उनके संवैधानिक अधिकारों और स्वतंत्रता को इस्तेमाल करना असंभव बनाना चाहती है. ये राज्य सरकारों की शक्तियों को कम करना और उन्हें नगरपालिकाओं तक सीमित करना चाहती है. उन्होंने इस चिट्ठी में बीजेपी द्वारा लोकतंत्र और कोआपरेटिव फ़ेडेरलिज़्म पर कथित हमले के सात उदाहरण दिए.
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