छत्तीसगढ़ के इस गांव में दूषित पानी पीने को मजबूर हैं लोग, जिम्मेदारों को खबर ही नहीं
छत्तीसगढ़ में बलरामपुर जिले के चरचरी गांव में पीने का पानी नहीं है। गांव के लोग नालों में भरा पानी पी कर गुजारा करते हैं। गर्मी बढ़ने पर नालों का पानी सूख जाता है तो वे जमीन खोद कर नीचे से पानी निकालते हैं जो पीने लायक नहीं होता। राप्ती नदी के किनारे स्थित इस गांव में करीब 150 लोग रहते हैं जो मजदूरी या दिहाड़ी कर अपनी आजीविका चलाते हैं। ताज्जुब यह कि गांव में वर्षों से यही हालत है, लेकिन जिम्मेदारों का कहना है कि उन्हें इसके बारे में पता ही नहीं है। हालांकि, अब उन्होंने गांव में पानी की व्यवस्था कराने का भरोसा दिलाया है।
चरचरी गांव में न तो कोई हैंड पंप है, न ही कुआं। गांव के लोगों का कहना है कि वे गड्ढे या नालों में जमा पानी पीकर ही जीवन बसर करते हैं। गांव के जानवर भी इन्हीं गड्ढों का पानी पीते हैं। यह पानी गंदा और कई बार जहरीला भी होता है जिससे उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि गर्मी बढ़ने पर गड्ढ़ों में जमा पानी भी सूख जाता है और उन्हें प्यास बुझाने के लिए जमीन खोद कर पानी निकालना पड़ता है।
सबसे आश्चर्य तो यह है कि गांव में पीने के पानी की समस्या से जिम्मेदार अब तक अनजान हैं। जनपद पंचायत के सीईओ वेद प्रकाश पांडे ने पूछे जाने पर ग्रामीणों की समस्या से अनभिज्ञता जताई। हालांकि, मामला संज्ञान में आने के बाद उन्होंने कहा है कि गांव में हैंड पंप लगाए जाएंगे या सामुदायिक कुआं बनाया जाएगा जिससे गांव वालों को पीने का साफ पानी मिल सके।
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