इंसान के व्यवहार पर असर डाल रहे सोशल मीडिया चैनल - VSK News

Breaking

||*** स्वागत है आप का VSK News पोर्टल में || VSK News पोर्टल तक अपनी बात Email: Newsvsk@gmail.com / WhatsApp @ +91-7296065336 के जरिये पहुचाए *** ||

Post Top Ad

Thursday, March 11, 2021

इंसान के व्यवहार पर असर डाल रहे सोशल मीडिया चैनल

इंसान के व्यवहार पर असर डाल रहे सोशल मीडिया चैनल

            मौजूदा समय में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव से शायद ही कोई अनजान हो। सोशल मीडिया इंसान के निजी जीवन से लेकर सामाजिक और आर्थिक जीवन में भी अहम किरदार अदा करने लगा है। सोशल मीडिया से कैसे इंसान का व्यवहार बदलता है और कैसे उसको बिजनस एवं करियर के अवसर में बदला जा सकता है, इस बारे में बता रहे हैं सिडनी की मैकुअरी यूनिवर्सिटी के फाइनैंस के सीनियर लेक्चरर अभय कुमार सिंह.

सोशल मीडिया इंसान के व्यवहार को बदलने वाले प्लैटफॉर्म के तौर पर उभर रहा है। इसका सही उपयोग भी किया जा सकता है और दुरुपयोग भी संभव है। किसी के बारे में गलत छवि बनाने, चुनाव गलत तरीके से जीतने आदि में भी सोशल मीडिया चैनल खासतौर पर ट्विटर अहम भूमिका निभा सकता है। अमेरिका का साल 2016 में हुआ राष्ट्रपति चुनाव इसका स्पष्ट उदाहरण है। दूसरी तरफ ट्विटर ने अहम सामाजिक मुद्दों को भी उठाने में भी अपनी उपयोगिता साबित की है। जैसे कि #MeToo मूवमेंट को सोशल मीडिया से काफी ताकत मिली है।

बिजनस में कैसे अहम भूमिका निभाता है सोशल मीडिया?
सोशल मीडिया पर रोजाना बड़ी संख्या में टेक्स्ट डेटा जेनरेट होता है। कंपनियां इन डेटा का इस्तेमाल उपभोक्ताओं के व्यवहार का अध्ययन करने के लिए करती हैं। इनका विश्लेषण किया जाता है और विश्लेषण की कई तकनीकों का इस्तेमाल करके कंपनियां और संगठन अपने लक्षित ग्राहक, उनके व्यवहार, उत्पाद आदि के बारे में जानकारी जुटाते हैं। सोशल मीडिया से जमा हुए डेटा का विश्लेषण करने वाली तकनीकों में सेंटिमेंट ऐनालिसिस, टॉपिक मॉडलिंग, स्टॉक मार्केट की भविष्यवाणी, ग्राहकों पर प्रभाव, न्यू ऐनालिटिक्स, सोशल नेटवर्क ऐनालिसिस, कस्टमर सर्विस आदि अहम हैं। उदाहरण के लिए सेंटिमेंट ऐनालिसिस का इस्तेमाल करके उपभोक्ताओं के व्यवहार के बारे में कीमती जानकारी जुटाई जाती है। उदाहरण के लिए अगर आप किसी उत्पाद के बारे में नेगेटिव बात करते हैं तो दूसरे भावी ग्राहक उससे दूर भाग जाएंगे। इसका संबंधित उत्पाद और कंपनी पर बुरा असर पड़ेगा। इसी तरह से टॉपिक मॉडलिंग है। टॉपिक मॉडलिंग में सोशल मीडिया से उन टॉपिक का डेटा जुटाया जाता है, जिन पर सोशल मीडिया में चर्चा हो रही है। इसकी मदद से यह पता लगाया जाता है कि लोग सोशल मीडिया पर किस चीज के बारे में बात कर रहे हैं। फिर कंपनियां और संगठन उस हिसाब से अपनी रणनीति बनाते हैं।

के लिए ट्विटर का इस्तेमाल?
मैं जिन रिसर्च प्रॉजेक्ट पर काम कर रहा हूं, उनमें से एक में बिजनस टू बिजनस के संदर्भ में ट्विटर के इस्तेमाल का अध्ययन करने से संबंधित है। इस स्टडी में इन्फर्मेशन और इनोवेशन की क्राउडसोर्शिंग के बारे में अध्ययन किया जाता है। इसमें यूरोप के छोटे और लघु उद्योगों द्वारा पोस्ट किए गए ट्वीट में जिन टॉपिकों पर चर्चा किया गया होता है, उनका विश्लेषण किया जाता है। इस विश्लेषण से पता चलता है कि इन्फर्मेशन और इनोवेशन के लिए किन टॉपिक पर चर्चा हो रही है।
#vsknews

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

,,,,,,