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Thursday, March 25, 2021

उत्तर प्रदेश: बस्ती-छात्राओं को दिया संचारी रोगों से बचाव की जानकारी

उत्तर प्रदेश: बस्ती-छात्राओं को दिया संचारी रोगों से बचाव की जानकारी

                                        जिला चिकित्सालय के आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के. वर्मा ने श्रीमती कृष्ण कुमारी पाण्डेय बालिका इण्टर कालेज के छात्राओं को संचारी रोगों से बचाव की विस्तार से जानकारी दिया। कहा कि हमारा शरीर बीमार क्यों पड़ता है और उससे कैसे बचा जा सकता है यदि यह जानकारी हो जाय तो मनुष्य लम्बे समय तक स्वस्थ जीवन जी सकता है।
डा. वर्मा ने छात्राओं को बताया कि कभी कभी अपने परिवार को संक्रमण से दूर रखना एक चुनौतीपूर्ण काम हो सकता है। बहती नाक और जोरो की खाँसी दूर रखना पर्याप्त नहीं है। आपको संक्रमण दूर रखने के लिए उपयोगी और व्यावहारिक तरीके खोजने की जरूरत है। आपकी त्वचा एक प्राकृतिक बल-ढाल के रूप में आपको हानिकारक बैक्टीरिया के संक्रमण से बचाए रखती है। हालांकि, चालाक और घातक कीड़ों के नए रूपने आपने शरीर में प्रवेश पाने का और संक्रमण फैलाने का वैकल्पिक तरीका ढूंड लिया हैं। कुछ सरल व्यवहार परिवर्तन करके, आप आसानी से संक्रमण की रोकथाम की कला में महारत हासिल कर सकते हैं। थोडी सतकर्ता से कोरोना जैसी बीमारी से मुक्ति पायी जा सकती है या उनसे बचा जा सकता है।
बताया कि अपने हाथों को साफ रखें,  यह जानकार आश्चर्य होगा कि रोगाणु निष्क्रिय सतह पर कहीं भी कुछ मिनट से कई महीनों तक जीवित रह सकते हैं। यह रोगाणुओं और वे जिस पर्यावरण में है उस पर निर्भर करता है। हालांकि, इन रोगाणुओं को अपने हाथ धो कर प्रभावी ढंग से बसमें किया जा सकता है। आप साबुन और पानी के साथ कम से कम 20 सेकंड तक अच्छी तरह से और सख्ती से अपने हाथ     धोने चाहिए। अगर अपने चारों ओर पानी नहीं मिल रहा है, तो सबसे अच्छा विकल्प समाधान हैण्ड सैनीटाईजर होगा।.
निजी वस्तुओं को साझा करने से बचें - रेजर, टूथब्रश, तौलिए, नाखून कतरनी, और रूमाल संक्रामक बैक्टीरिया फैलाते है। आप इनको किसी के भी साथ साझा नहीं करें। आप जब भी खाँसते और छींकते हो तब सावधान रहों - इसी तरीके में, सम्मानजनक व्यक्तिगत स्वच्छता न केवल खुद का सौंदर्य संबंधित है, बल्कि जब आप खांसते हो या छींकते हो तो मुंह बंद करना स्वर्ण नियम का पालन करना होता है। अब आप सवाल कर सकते है कि अगर मैं बीमार नहीं हूँ तो मैं यह क्यों करूँ? कारण यह है कि अधिक संक्रमण के मामले में उनके स्पष्ट लक्षण दिखने से पहले रोग फैलाने वाले बैक्टीरिया चुप चापबढ़ते जाते है। कुछ सावधानियां बरतकर निरोगी जीवन संभव है।
प्रधानाचार्य प्रगति यादव ने डा. वर्मा के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि ऐसे आयोजनों से छात्राओं को बेहतर जानकारी मिलती है। वे रोगों से लड़ने में और सक्षम होगी। कार्यक्रम में विद्यालय की अनीता पाण्डेय, मंजू मिश्रा, भारती तिवारी, कुसुम लता मिश्रा, अनीता सिंह, सिल्पी सिंह आदि शामिल रहीं।
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