महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को हिंदुत्व से लेकर किसान आंदोलन के मुद्दे पर बीजेपी की कड़ी आलोचना की. विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया? ये सवाल उठाते हुए उद्धव ठाकरे ने विधानसभा में कहा कि भाजपा हमें हिंदुत्व का पाठ न पढ़ाए.
उद्धव ठाकरे ने कहा, "सावरकर को भारत रत्न देने के मुद्दे पर केंद्र सरकार को दो बार चिट्ठी भेजी गई. भारत रत्न कौन देता है? यह प्रधानमंत्री और एक कमेटी का अधिकार है."
कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन करने पर शिवसेना की बीजेपी ये कहते हुए आलोचना करती रही है कि उसने हिंदुत्व का एजेंडा छोड़ दिया है. अन्य मुद्दों के अलावा बीजेपी ने औरंगाबाद शहर का नाम बदलने में हो रही देरी को लेकर भी सवाल उठाया.
लेकिन इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, "आप सावरकर को भारत रत्न नहीं देते और नाम नहीं बदलने को लेकर हमें उपदेश दे रहे हैं." हालांकि उद्धव ठाकरे ने ये स्पष्ट किया कि औरंगाबाद का नाम बदला जाएगा. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विपक्षी भाजपा से औरंगाबाद एयरपोर्ट का नाम संभाजी महाराज के नाम पर करने में अड़चनें खड़ी करने का भी सवाल उठाया.
महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का भी मुद्दा उठा. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों की राह में लोहे की कीलें खड़ी की गईं, उनकी बिजली और पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई.
उन्होंने कहा, "अगर ऐसे इंतज़ाम सीमा पर किए गए होते तो चीन घुसपैठ नहीं कर पाता. क्या प्रदर्शन कर रहे किसान आंतकवादी थी. देश बीजेपी की प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं है."
उद्धव ने आगे कहा, "शिवसेना आज़ादी की लड़ाई का हिस्सा नहीं थी और न ही बीजेपी का पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ. इसलिए केवल 'भारत माता की जय' का नारा लगाने से देश के लिए आपकी मोहब्बत साबित नहीं हो जाती. अगर आप लोगों के साथ न्याय नहीं करते हैं तो आपको 'भारत माता की जय' का नारा लगाने का आपको कोई हक नहीं है."
"किसानों से उनकी आमदनी दोगुनी करने का वादा किया गया था और वे इसका इंतजार कर रहे थे लेकिन ये नहीं हुआ. बल्कि तेल की क़ीमतें दोगुनी हो गईं."
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