उत्तर प्रदेश:गोरखपुर-सीएम योगी के शहर गोरखपुर का हाल, बर्खास्त कर्मचारी अपनी नौकरी बहाली को लेकर धरना देने पर मजबूर
जब हक की लड़ाई की बात हो और नौबत भूखों मरने की आ जाए तो इंसान मरने से भी नहीं डरता। ऐसा ही कुछ नजारा गोरखपुर में देखने को मिला। जहां सिंचाई विभाग के 218 बर्खास्त कर्मचारी नौकरी बहाली को लेकर अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग के कार्यालय पर अनिश्चित कालीन धरने पर हैं।
1990 में किया गया था बर्खास्त
1990 में सिंचाई विभाग के चतुर्थ श्रेणी सैकड़ों कर्मचारियों को जो कि दैनिक वेतन भोगी थे। विभाग ने काम न होने का हवाला देते हुए नौकरी से निकाल दिया था। तब से अब तक यह बर्खास्त कर्मचारी अपनी नौकरी बहाली को लेकर लगातार न्यायालय से लेकर अधिकारियों के चक्कर लगाने के बाद अंतिम लड़ाई लड़ने के लिए धरना देने पर मजबूर हो गए हैं।
बहकावे में नहीं आने वाले
दशकों की इस लड़ाई में 6 कर्मचारी अपनी जान भी गंवा चुके हैं। लेकिन अभी भी बचे हुए कर्मचारियों को कोई भी राहत सिंचाई विभाग द्वारा मिलती दिखाई नहीं दे रही। एरीगेशन डिपार्टमेंट इंप्लाइज यूनियन के संरक्षक शिवानंद श्रीवास्तव ने बताया कि अधिकारियों के बहलावे और छलावे में अब हम आने वाले नहीं हैं। उनकी लड़ाई अब आर-पार की हो चुकी है या तो नौकरी मिलेगा या कफन, हम अंतिम लड़ाई के लिए सब कुछ छोड़ कर सर पर कफन बांध निकल पड़े हैं।
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