उत्तर प्रदेश:कुशीनगर-शौचालय के नाम पर घोटला पंचायत ने प्रधान व सेक्रेटरी पर दर्ज कराया था मुकदमा
जनपद के दुदही विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत जंगल नौगावां के प्रधान और सेक्रेटरी द्वारा शौचालय के मद मे 52 लाख 62 हजार रुपये गबन किए जाने की पुष्टि के बाद दर्ज मुकदमे मे अब तक किसी की गिरफ्तारी न होना पुलिसिया कार्यप्रणाली पर सवाल खडा कर रहा है। सवाल यह उठता है कि विभागीय जांच मे दोषी पाये जाने के बाद एडीओ पंचायत के तहरीर पर दर्ज कराये गये मुकदमा मे तमाम गंभीर धाराओं के बावजूद पुलिस ने ग्राम प्रधान और सचिव को अब तक गिरफ्तार क्यो नही किया? कही ऐसा तो नही पुलिस सरकारी धन डकारने वालो से मोटी रकम वसूल कर विवेचना के नाम पर मामले को लीपापोती करने मे जुटी है। अगर ऐसा है तो निसंदेह योगी सरकार की पुलिस भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है।
काबिलेगोर है भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट मे शुमार स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार गावों मे घर-घर शौचालय बनवाने के नेक - नीयत से पानी की तरह पैसा बहा रही है। कहना न होगा कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के तहत जनपद के दुदही विकास खण्ड क्षेत्र के ग्रामसभा नौगावां मे कुल 642 शौचालयों का निर्माण होना था। लेकिन गांव मे लाभार्थियों को शौचालय का लाभ नही मिला। इसके अलावा ठेकेदारी प्रथा से गांव मे जो शौचालय बने उसमे मानक और गुणवत्ता को ताक पर रखकर घटिया निर्माण कराए गये थे। ग्रामीणों के लगातार शिकायत के बाद जिला स्तरीय अधिकारियो की टीम ने जांच की तो पता चला कि ग्राम प्रधान ने सचिव के साथ मिलकर शौचालय की 52 लाख 62 हजार रुपये डकार लिया है। बताया जाता है कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना से गांव मे कुल 642 शौचालयों का निर्माण होना था। इसके लिए शासन ने धनराशि भी आवंटित कर दिया था। शिकायत के आधार पर गांव मे जांच करने पहुची टीम ने मौके पर 642 शौचालय के सापेक्ष 195 शौचालय पूर्ण किए गए थे जबकि 430 शौचालय धरातल पर बनाए ही नहीं गए थे। इसके अलावा 17 शौचालय अपूर्ण पाए गए थे। जांच के दौरान ग्राम प्रधान राधिका देवी व सचिव उमेश चंद्र राय द्वारा कुल धनराशि 52 लाख 62 हजार रुपये के गबन का मामला पुष्ट हुआ था। इस मामले विभाग ने सचिव पर निलंबन की कार्रवाई करते हुए ग्राम प्रधान राधिका देवी व सेक्रेटरी उमेश चंद्र राय पर मुकदमा दर्ज कराया। 🔴 एडीओ पंचायत के तहरीर पर दर्ज हुआ था मुकदमा
जांच मे 430 शौचालयो का निर्माण कराये बिना व 17 अपूर्ण शौचालय की कुल धनराशि 52 लाख 62 हजार रुपये प्रधान व सेक्रेटरी द्वारा गबन किए जाने पुष्टि के बाद खण्ड विकास अधिकारी के आदेश पर एडीसीओ पंचायत रामविलास प्रसाद के तहरीर विशुनपुरा थाने मे दिनांक 19 जनवरी-2021 को ग्राम प्रधान राधिका देवी व सेक्रेटरी उमेश चंद्र राय के खिलाफ आईपीसी की धारा 406 व 409 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। मजे की बात यह है कि एक माह गुजर जाने के बाद भी विशुनपुरा पुलिस इन दोनो गबनकारियो को गिरफ्तार करने से अब तक परहेज कर रही है जबकि आईपीसी की धारा 406 व 409 संज्ञेय अपराध की श्रेणी मे आता है।
🔴 क्या है धारा 406 और 409
विधि विशेषज्ञों की माने तो आईपीसी की धारा 406 विश्वास का आपराधिक हनन से संबंधित है। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। इसी तरह लोक सेवक या बैंक कर्मचारी, व्यापारी या अभिकर्ता द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन करने पर उक्त व्यक्तियों को आइपीसी की धारा 409 मे निरुद्ध किया जाता है। यह भी गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है। इसमे दस वर्ष का कारावास और आर्थिक दण्ड का प्राविधान है।
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