उत्तर प्रदेश: कानपुर-भटकती मां को देखकर पसीजा बेटी का दिल, कहा- अब साथ रहकर बनूंगी उसका सहारा
दिव्यांग मां के बहते हुए आंसू देखकर अखिरकार नाबालिग बेटी का दिल पसीज गया। वह मां के साथ रहने को राजी हो गई। पुलिस ने मैजिस्ट्रेट के सामने नाबालिग के बयान दर्ज कराए है। पीड़िता ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया है कि आरोपी युवक जबरन अपहरण कर ले गया था। दिन में कई बार रेप करता था, और विरोध करने पर बेरहमी से पीटता था। नाबालिग के बयां के बाद जेल भेजे गए आरोपी पर पुलिस रेप और पॉक्सो की धारा बढ़ाएगी। वहीं नाबालिग ने मां के साथ जाने की इच्छा जताई है। नाबालिग का कहना है कि वह अपनी दिव्यांग मां के साथ रहकर जीवन का सहारा बनेगी।
'मां ने मेरे लिए भीख मांगी है'
डीआईजी प्रीतिंदर सिंह ने नाबालिग को ढूंढने का अल्टीमेटम दिया था। चकेरी पुलिस ने 24 घंटे के भीतर नाबालिग को बीते 3 फरवरी (बुधवार) को ढूंढ़ निकाला था। बेटी दिव्यांग मां के साथ घर जाने को तैयार नहीं थी। मां के बहते हुए आंसू भी उसके इरादों को नहीं बदल पा रहे थे। लेकिन जब नाबालिग को इस बात का एहसास हुआ कि मां ने मेरे लिए भीख मांगी है। दिव्यांग होकर भी एक महीने तक थाने के चक्कर लगाती रही है। बेटी का दिल पसीज गया, और उसने मां के साथ जाने की इच्छा जताई।
अगवा कर ले गया था आरोपी युवक
चकेरी के सनिगवां से ठाकुर नाम का युवक दिव्यांग महिला की नाबालिग बेटी को अगवा कर के ले गया था। पुलिस ने 27 दिन बाद दिव्यांग महिला की बेटी को ढूंढ निकाला था। आरोपी युवक नाबालिग को लेकर नौबस्ता की नट बस्ती में छिपकर छिपकर रह रहा था। ठाकुर नाम के युवक का कहना था कि हम दोनों ने एक-दूसरे से मंदिर में शादी कर ली है।
डीआईजी ने चौकी इंचार्ज समेत दो किया था सस्पेंड
दिव्यांग महिला की नाबालिग बेटी को पुलिस 25 दिनों बाद भी नहीं बरामद कर सकी थी। महिला ने बीते 01 फरवरी (सोमवार) को डीआईजी ऑफिस पहुंचकर आपबीती सुनाई थी। दिव्यांग महिला ने डीआईजी को बताया कि सनिगवां चौकी इंचार्ज राजपाल सिंह ने बेटी को ढूंढने के लिए गाड़ी में डीजल डलवाने के नाम पर 12 हजार रुपए वसूले है। डीआईजी प्रीतिंदर सिंह ने तत्काल दिव्यांग महिला की बेटी को खोजने का आदेश दिया थे। डीआईजी ने प्रीतिंदर सिंह ने सनिगवां चौकी प्रभारी राजपाल सिंह और जांच अधिकारी अरुण कुमार को सस्पेंड कर दिया था।
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