उत्तर प्रदेश: 10 फरवरी से यूपी में 6 से 8वीं क्लास तक के खुलेंगे स्कूल, लेकिन नाराज पैरंट्स
उत्तर प्रदेश में शासन के निर्देश के बाद 10 फरवरी से कक्षा 6 से 8वीं तक के स्कूल खोलने की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसके लिए प्रोटोकॉल और गाइडलाइन तय की गई है। स्कूल पूरी क्षमता के साथ खुलेंगे, लेकिन कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को सीएम योगी आदित्यानाथ ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी। सीएम ने कोविड को लेकर केंद्र की गाइडलाइंस का पालन करने के निर्देश दिए हैं। वहीं 1 से 5वीं तक के स्कूल 1 मार्च से खोलने का फैसला किया गया है।
'जल्दबाजी दिखा रही सरकार'
शुक्रवार को आए इस आदेश पर नोएडा के पैरंट्स असोसिएशन ने नाराजगी जताई है। असोसिएशन ने कहा कि सरकार ने स्कूल खोलने में जल्दीबाजी दिखा रही है।
'2 महीने और रुककर खोलते स्कूल तो...'
गौतमबुद्ध नगर पैरंट्स वेलफेयर सोसायटी के संस्थापक मनोज कटियार ने कहा कि कई पैरंट्स से बात हुई, सब नाराज हैं। सरकार करीब 2 महीने रुककर स्कूल खोलते तो अच्छा होता। 1 मार्च को नर्सरी के बच्चों के भी स्कूल खोलने का आदेश जारी किया गया। इससे सभी पैरंट्स में डर है।
पैरंट्स से रिस्पॉन्स कम
पैरंट्स का रिस्पॉन्स क्लास 9 और 11 के लिए ज्यादा नजर नहीं आ रहा। पैरंट्स असोसिएशन का कहना है कि इसकी वजह है कि ट्रांसपोर्टेशन नहीं है। कई बच्चों के स्कूल उनके घर से बहुत दूर हैं और पैरंट्स उन्हें अकेले भेजना नहीं चाहते।
इसके अलावा कोरोना भी वजह है। साथ ही एक कारण यह भी है कि क्लास 9 और 11 के स्टूडेंट्स 11 महीने से ऑनलाइन पढ़ रहे हैं, ऐसे में ऑनलाइन एग्जाम भी दे सकते हैं।
टीचर्स से करवाया जा रहा फोन
वहीं कई स्कूल टीचर्स से फोन करवाकर पैरंट्स पर बच्चों को स्कूल बुलाने दवाब बना रहे हैं। उन्हें धमकाया जा रहा है कि प्रैक्टिकल में मार्क्स नहीं दिए जाएंगे, नाम काट दिया जाएगा। सरकार को इस ओर भी ध्यान दिया देना चाहिए। बोर्ड क्लासेज के लिए स्कूल खोलने का फैसला ठीक था मगर 9वीं और 11वीं को स्कूल भेजना जरूरी नहीं है।
No comments:
Post a Comment